रायपुर।
71वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों में छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर अपनी सांस्कृतिक समृद्धि और रचनात्मक प्रतिभा से देशभर में अपनी विशेष पहचान बनाई है। राज्य के कलाकारों और फिल्मकारों की मेहनत को राष्ट्रीय मंच पर जो सम्मान मिला है, वह पूरे प्रदेश के लिए गर्व का विषय है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सभी विजेताओं और प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा,
“यह छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक चेतना और रचनात्मक क्षमता का राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान है।”
दीपक किंगरानी को सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखक का पुरस्कार
बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के दीपक किंगरानी को फिल्म ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ में उत्कृष्ट संवाद लेखन के लिए सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखक का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। दीपक ने समाज के संवेदनशील मुद्दों को अपनी लेखनी से प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया है, जिससे फिल्म न केवल सराही गई बल्कि दर्शकों के दिलों को भी छू गई। यह उपलब्धि लेखन और फिल्म निर्माण से जुड़े युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत मानी जा रही है।
‘The First Film’ को दो श्रेणियों में राष्ट्रीय पुरस्कार
वहीं, रायगढ़ इप्टा के सहयोग से निर्मित नॉन-फीचर फिल्म ‘The First Film’ को दो श्रेणियों में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। यह फिल्म रायगढ़ के स्थानीय लोकेशनों पर शूट की गई है और इसमें शहर के स्थानीय कलाकारों ने अभिनय किया है। यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ की स्थानीय प्रतिभा को पहचान दिलाती है, बल्कि प्रदेश के सांस्कृतिक योगदान को भी राष्ट्रीय मंच पर मजबूती से प्रस्तुत करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा,
“छत्तीसगढ़ की मिट्टी से उपजे कलाकार, लेखक और तकनीकी विशेषज्ञ अब राष्ट्रीय फलक पर अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। यह उपलब्धि राज्य के युवाओं को फिल्म और कला के क्षेत्र में आगे बढ़ने की नई प्रेरणा देगी।”
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि राज्य सरकार आने वाले समय में कला, संस्कृति और फिल्म जगत को और अधिक सहयोग और संसाधन उपलब्ध कराएगी।
