धमतरी की महिलाओं और बच्चों की बदली तस्वीर! छत्तीसगढ़ के 25 वर्षों में योजनाओं ने दी सशक्त जीवन की नई दिशा
रजत महोत्सव वर्ष पर धमतरी जिले में दिखा विकास का असर — कन्या विवाह, महतारी वंदन और सुकन्या समृद्धि जैसी योजनाओं से लाखों लाभान्वित, महिलाओं-बालिकाओं की बढ़ी आत्मनिर्भरता
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर 1 नवम्बर को रजत महोत्सव मना रहा है। इन पच्चीस वर्षों में प्रदेश ने विकास के विभिन्न आयामों में नई ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। विशेषकर महिलाओं और बच्चों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में शासन की योजनाओं ने गहरी छाप छोड़ी है। धमतरी जिले में इन योजनाओं के परिणाम स्पष्ट रूप से नजर आ रहे हैं।
विभिन्न योजनाओं से लाखों हितग्राही लाभान्वित होकर अब आत्मनिर्भर, सुरक्षित और सशक्त भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं।
महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने वाली योजनाओं में प्रमुख है मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना (2005-06), जिसके तहत अब तक 2066 हितग्राही लाभान्वित हुए हैं। इस योजना ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की है। वहीं, नोनी सुरक्षा योजना (2014) से 6316 बेटियों को शिक्षा और भविष्य के लिए वित्तीय आधार मिला है।
सुकन्या समृद्धि योजना (2015) ने बेटियों की बचत और आर्थिक स्वतंत्रता को मजबूत किया है, जिससे 44,182 बालिकाएँ लाभान्वित हुई हैं। दिशा दर्शन योजना (2012-13) के तहत 892 हितग्राहियों को शिक्षा और रोजगार के नए अवसर मिले हैं।
महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में हाल ही में शुरू हुई महतारी वंदन योजना (2024) ने रिकॉर्ड सफलता हासिल की है। धमतरी जिले में अब तक 2,31,662 हितग्राही महिलाएँ इस योजना से जुड़ चुकी हैं। साथ ही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (2017) से 58,822 हितग्राहियों ने सुरक्षित मातृत्व की दिशा में कदम बढ़ाया है।
आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने के लिए छत्तीसगढ़ महिला कोष ऋण योजना (2003-04) से 1494 महिलाओं को ऋण दिया गया, जबकि महिला कोष सक्षम योजना (2009-10) से 147 महिलाओं ने अपने जीवन स्तर में सुधार किया है।
बाल कल्याण के क्षेत्र में मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना (2009) से 1129 बच्चों को शिक्षा और सामाजिक सहयोग मिला है। हाल ही में शुरू हुई पूरक पोषण आहार योजना (2025) से 65,433 हितग्राही लाभान्वित हुए हैं, जिससे कुपोषण उन्मूलन की दिशा में ठोस कदम उठाया गया है।
राज्य शासन का उद्देश्य है कि महिलाओं और बच्चों को सामाजिक व आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर “नवा छत्तीसगढ़” की परिकल्पना को साकार किया जाए।
रजत महोत्सव के इस अवसर पर कहा जा सकता है कि पिछले 25 वर्षों में धमतरी जिला महिला एवं बाल कल्याण के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक उदाहरण बनकर उभरा है। आने वाले वर्षों में इन योजनाओं के और सशक्त क्रियान्वयन से समाज में और भी व्यापक सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेंगे।
Author: Deepak Mittal










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