सूरजपुर: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में बाघ की मौत के मामले में पुलिस ने पहली बड़ी गिरफ्तारी की है। भैसामुंडा गांव की सरपंच सिस्का कुजूर (37 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी के कब्जे से दो बाघ के नाखून और बाल बरामद किए गए हैं। उन्हें 15 दिन के न्यायिक रिमांड पर अंबिकापुर केंद्रीय जेल भेजा गया है।
यह मामला गुरु घासीदास–तैमोर–पिंगला टाइगर रिजर्व के घुई वन परिक्षेत्र से जुड़ा है, जहां 15 दिसंबर को मृत बाघ मिला था। प्रारंभिक जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह सामने आया कि बाघ की मौत करंट लगने से हुई, जबकि उसके नाखून और दांत गायब पाए गए, जिससे अवैध शिकार और अंग तस्करी की आशंका बढ़ गई।
पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम ने सरपंच सिस्का कुजूर से पूछताछ की और उनके कब्जे से बाघ के दो नाखून और बाल बरामद किए। डीएफओ सूरजपुर ने बताया कि यह गिरफ्तारी जांच का पहला चरण है और अन्य संदिग्धों से पूछताछ जारी है। बरामद सामग्री को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया और स्वतः संज्ञान लिया। अदालत ने राज्य शासन और वन विभाग से वन्यजीव सुरक्षा व्यवस्था और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस योजना पेश करने के निर्देश दिए।
वन्यजीव प्रेमियों और पर्यावरण संगठनों ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई है। उनका कहना है कि संरक्षित क्षेत्र में करंट लगाकर बाघ का शिकार होना सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न होने पर ऐसे अपराधों को रोकना मुश्किल हो जाएगा।
सूरजपुर में बाघ की मौत का मामला राज्यभर में चर्चा का विषय बन चुका है। पहली गिरफ्तारी के बाद सबकी नजरें अब जांच के अगले चरण और वन्यजीव संरक्षण के लिए सरकार और वन विभाग के कदमों पर टिकी हैं।
Author: Deepak Mittal










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