रतलाम में रक्तदान महादान जीवन का सबसे अनमोलगई उपहार

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विश्व बंधुत्व दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित हुआ विशाल रक्तदान शिविर,75 यूनिट रक्त संग्रह ब्रह्माकुमारी के डोंगरे नगर दिव्य दर्शन भवन पर*

*रतलाम से इमरान खान की रिपोर्ट*

रतलाम। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि जी की 18वीं पुण्यतिथि पर विश्व बंधुत्व दिवस के अवसर पर रविवार, 24 अगस्त को डोंगरे नगर स्थित दिव्य दर्शन भवन सेवाकेंद्र पर विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संध्या बेलसेरे, इंदौर से पधारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी अनीता दीदी, पद्मश्री डॉ. लीला जोशी, मानव सेवा समिति के ब्लड बैंक अधिकारी डॉ. इंदरमल मेहता, मानव सेवा समिति के पूर्व ब्लड बैंक प्रभारी गोविंद काकानी, मानव सेवा समिति के सचिव विवेक बक्शी, रविंद्र बक्शी, एवं स्टॉफ, सेवाकेंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. दीप व्यास, आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दिलीप नलगे तथा बी. शर्मा नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल कृष्णा धीन्दा उपस्थित रहे। सभी अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

अपने उद्बोधन में डॉ. संध्या बेलसेरे ने कहा कि – “रक्तदान से बढ़कर कोई सेवा नहीं हो सकती। रक्तदान करना वास्तव में किसी को नया जीवन देने जैसा है। दादीजी की स्मृति में आयोजित यह शिविर समाज को प्रेरणा देगा।

ब्रह्माकुमारी अनीता दीदी ने कहा कि दादी प्रकाशमणि ने अपने नाम के अनुरूप परमात्म ज्ञान की ज्योति को न सिर्फ भारत में अपितु विश्व के पांचों महाद्वीपों में जन जन तक पहुंचाया सबके अंदर प्रेम, एकता आपसी सद्भाव भाईचारे जैसे मूल्यों को जागृत किया वे अपने कुशल नेतृत्व और मातृत्व के गुण से विश्व की दादी मां बन गई।

पद्मश्री डॉ. लीला जोशी ने कहा कि – मानव जीवन की सबसे बड़ी सेवा है– रक्तदान।  यह कार्य वास्तव में पुण्य का कार्य है, जो समाज में भाईचारे की भावना को सशक्त करता है।

डॉ. इंदरमल मेहता (मानव सेवा समिति ब्लड बैंक अधिकारी) ने कहा कि – एक यूनिट रक्त से तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है। हर सक्षम व्यक्ति को नियमित रूप से रक्तदान करना चाहिए।

गोविंद काकानी 105 बार रक्तदान कर  अपना अनुभव साझा करते हुए आपने बताया कि मानव शरीर में 5 लीटर रक्त होता है लेकिन हमारे शरीर को 3 लीटर रक्त की ही आवश्यकता होती है अत: रक्तदान केवल दान ही नहीं बल्कि जीवन बचाने का महान संकल्प है। यह शिविर समाज में सहयोग और सेवा की भावना को मजबूत करेगा।

ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि – यह शिविर न केवल रक्त की आवश्यकता को पूरा करेगा, बल्कि समाज में मानवता और विश्व बंधुत्व की भावना को भी सशक्त करेगा। दाताओं में बताया कि 75 रक्तदाताओं में 56 पुरुष एवं 19 महिलाओं ने रक्तदान किया जो की बहुत सराहनीय है। क्योंकि महिलाएं बहुत कम रक्तदान कर पाती है अतः यह राजयोग द्वारा तन और मन की शांति का ही परिणाम है। रक्तदान केवल सामाजिक कर्तव्य नहीं, बल्कि यह मानवता की सबसे बड़ी सेवा है।”

डॉ. दीप व्यास (नेत्र रोग विशेषज्ञ) ने कहा कि – “स्वास्थ्य की दृष्टि से भी रक्तदान अत्यंत लाभकारी है। यह शिविर समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।”

डॉ. दिलीप नलगे (आयुर्वेदिक कॉलेज प्राचार्य) ने दादीजी की स्मृति में भावपूर्ण गीत प्रस्तुत कर सभी को भाव-विभोर कर दिया और कहा कि – “दादीजी का जीवन मानवता और त्याग का प्रतीक था।”दूसरों की सेवा ही सच्चा ईश्वर भक्ति है, खून का एक कतरा भी किसी की सांसों को बचा सकता है।

इस कार्यक्रम में नामली नगर परिषद अध्यक्ष अनीता परिहार, उपाध्यक्ष पूजा योगी, पार्षद श्रीनाथ योगी, समाजसेवी, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि, ब्रह्माकुमारी बहनें व सभी भाई-बहनें बड़ी संख्या में उपस्थित रहे और सभी ने रक्तदान भी किया। रक्तदान शिविर में कुल 75 यूनिट रक्त का संग्रह किया गया।

अंत में सभी रक्तदाताओं को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका आभार व्यक्त किया गया तथा दादीजी को माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

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Author: Deepak Mittal

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