(जे के मिश्र) बिलासपुर। ऑनलाइन ठगी का एक और मामला सामने आया है, जहां एक निजी अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर से 62 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई। ठगों ने डॉक्टर को यह विश्वास दिलाया कि दुबई से उनके नाम पर एक पार्सल पकड़ा गया है, जिसमें ड्रग्स मौजूद है। इस बहाने से उन्होंने डॉक्टर को डराकर मोटी रकम हड़प ली।
कैसे दिया ठगों ने झांसा
मित्र विहार कॉलोनी, लिंक रोड की निवासी और हसौद में कार्यरत डॉक्टर बिषाखा डे को 12 सितंबर को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई पार्सल ऑफिस का कर्मचारी बताया और कहा कि उनके नाम से भेजे गए एक पार्सल में आपत्तिजनक सामग्री, जैसे पुलिस की वर्दी, एटीएम कार्ड और ‘कीटामिन’ नामक ड्रग्स पाया गया है। पार्सल में डॉक्टर का आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और पता दर्ज था। आरोपी ने यह दावा किया कि मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है, जिससे डॉक्टर को डराया जा सके।
सीबीआई अधिकारी बनकर की ठगी
इसके बाद एक और कॉल आया, जिसमें ठग ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया। उन्होंने डॉक्टर को बताया कि इस मामले में उनके बैंक खाते की जांच की जाएगी और उन्हें निर्देश दिया गया कि उनकी जमा राशि को एक निर्दिष्ट खाते में ट्रांसफर कर दें। ठगों ने आश्वासन दिया कि दो घंटे के भीतर यह रकम वापस कर दी जाएगी। लेकिन जब रकम वापस नहीं आई और ठगों का फोन बंद मिला, तब डॉक्टर को ठगी का अहसास हुआ।
डॉक्टर ने 62 लाख रुपये किए ट्रांसफर
डॉ. डे ने डर और दबाव में आकर 61 लाख 93 हजार 720 रुपये ठगों द्वारा दिए गए खाते में ट्रांसफर कर दिए। जब दो घंटे के बाद भी राशि वापस नहीं आई और ठगों से संपर्क नहीं हो पाया, तब उन्होंने साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिस ने शुरू की जांच
शिकायत के आधार पर साइबर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि यह ठगों का एक संगठित गिरोह हो सकता है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सक्रिय है और पार्सल और ड्रग्स के नाम पर लोगों से ठगी करता है। पुलिस अब इस गिरोह की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए जांच में जुटी हुई है।
साइबर क्राइम का बढ़ता खतरा
बिलासपुर में इस तरह की ठगी के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने और अज्ञात कॉल्स से सावधान रहने की सलाह दी है। साइबर पुलिस भी इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चला रही है।
