**पीके का बड़ा बयान: “कहानी खत्म नहीं हुई… अदृश्य ताकतें काम कर रही थीं”
बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने पहली बार खुलकर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने दावा किया है कि चुनाव में गड़बड़ी हुई थी, हालांकि फिलहाल उनके पास इसका कोई ठोस सबूत नहीं है। पीके का कहना है कि जमीन के फीडबैक और चुनाव नतीजों में भारी अंतर साफ तौर पर किसी बड़ी गड़बड़ी की ओर इशारा करता है।
“हार कड़वी थी, लेकिन खेल खत्म नहीं हुआ” — प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने स्वीकार किया कि बिहार चुनाव की हार बेहद कड़वी रही। जन सुराज पहली बार पूरे पैमाने पर चुनाव में उतरा, लेकिन
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एक भी सीट नहीं मिली
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ज्यादातर उम्मीदवारों की जमानत ज़ब्त
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वोट शेयर 2-3% के करीब
इसके बावजूद पीके का दावा है कि जमीन पर हालात ऐसे नहीं थे, और परिणाम बिल्कुल अप्रत्याशित निकले।
उन्होंने कहा—
“हमारे सर्वे, हमारी यात्रा और लोगों का फीडबैक… सभी कुछ सकारात्मक था। लेकिन वोटिंग पैटर्न उससे एकदम उलट निकला। कुछ न कुछ जरूर गलत हुआ है।”
“कुछ अदृश्य ताकतें थीं… कई बातें समझ से बाहर”
इंडिया टुडे से बातचीत में पीके ने सबसे चौंकाने वाला दावा किया—
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कुछ अदृश्य ताकतें चुनाव में सक्रिय थीं
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जिन दलों को लोग जानते तक नहीं थे, उन्हें लाखों वोट मिल गए
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यह सामान्य राजनीतिक व्यवहार से मेल नहीं खाता
उन्होंने कहा कि उनसे कई लोग EVM पर सवाल उठाने को कह रहे हैं, लेकिन वे बिना सबूत ऐसा कोई आरोप नहीं लगाना चाहते।
महिलाओं को पैसे बांटने के गंभीर आरोप
पीके ने एनडीए सरकार पर बड़ा आरोप लगाया—
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हजारों महिलाओं में 10,000 रुपये की पहली किस्त बांटी गई
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वादा किया गया कि एनडीए को वोट देने पर कुल 2 लाख रुपये मिलेंगे
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लगभग 50,000 महिलाओं को इस तरह पैसा मिला
उन्होंने कहा—
“मैंने ऐसी सरकारी मशीनरी कभी नहीं देखी। ना बिहार में, ना देश में।”
“जंगल राज के डर ने नुकसान किया”
पीके का मानना है कि अंतिम चरण के मतदान तक आते-आते लोगों को ये समझ आने लगा कि जन सुराज की जीत कठिन है। कई मतदाता इसलिए पीछे हट गए कि
जन सुराज को वोट देने से कहीं लालू प्रसाद के ‘जंगल राज’ की वापसी का रास्ता न खुल जाए।
यह डर पार्टी को भारी नुकसान पहुंचा गया।
“मेरा राजनीतिक करियर खत्म? अभी कहानी बाकी है”
आलोचकों पर पलटवार करते हुए पीके ने कहा—
“आज जो लोग सबसे ज्यादा मेरी आलोचना कर रहे हैं, वही पहले मेरी तारीफ करते थे।
अगर वे मेरे बारे में इतना बोल रहे हैं तो समझिए मैं खत्म नहीं हुआ… कहानी अभी बाकी है।”
उन्होंने साफ कर दिया कि जन सुराज पीछे नहीं हटेगा और आने वाले दिनों में वापसी की तैयारी ज़ोरदार तरीके से की जाएगी।
जन सुराज का प्रदर्शन: 238 सीटों पर उम्मीदवार, लेकिन हाथ खाली
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243 में से 238 सीटों पर उम्मीदवार
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एक भी सीट नहीं मिली
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वोट शेयर बेहद कम
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लगभग सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त
इस प्रदर्शन ने पार्टी के सामने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Author: Deepak Mittal









