बिलासपुर: समग्र शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। न्यायधानी के बहतराई स्टेडियम में आयोजित राज्य स्तरीय दिव्यांग खेलकूद प्रतियोगिता में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। यह प्रतियोगिता छत्तीसगढ़ के 33 जिलों से आए दिव्यांग बच्चों के लिए आयोजित की गई है, लेकिन यहां बच्चों के लिए बुनियादी सुविधाओं तक का ध्यान नहीं रखा गया।
भोजन में बदइंतजामी, खुले मैदान में खाना खाने को मजबूर बच्चे
आयोजन में सबसे शर्मनाक स्थिति भोजन व्यवस्था की है। बच्चों को खुले मैदान में, कुत्तों के बीच बैठाकर खाना खिलाया जा रहा है। भोजन स्थल पर साफ-सफाई और सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा बना हुआ है।
ठहरने की व्यवस्था भी दयनीय, पीने के पानी तक की समस्या
खिलाड़ियों को नगर निगम की टंकी से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है, जबकि उनके ठहरने की जगह पर भी पानी की किल्लत बनी हुई है। मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है, जिससे बच्चों और उनके अभिभावकों में भारी रोष है।
आयोजन में अव्यवस्था, अधिकारियों की गैरजिम्मेदारी उजागर
राज्य स्तरीय प्रतियोगिता जैसे महत्वपूर्ण आयोजन में ऐसी बदइंतजामी से समग्र शिक्षा विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग की लापरवाही खुलकर सामने आई है। दिव्यांग बच्चों के स्वास्थ्य और सम्मान से खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग उठ रही है।
क्या अफसर अपने बच्चों को ऐसे भेजेंगे?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या जिम्मेदार अधिकारी अपने बच्चों को इसी बदहाल स्थिति में खेलकूद प्रतियोगिता में भेजेंगे? क्या वे खुद खुले मैदान में कुत्तों के बीच बैठकर खाना खाएंगे?
सरकार इस लापरवाही पर क्या कार्रवाई करेगी, यह देखने वाली बात होगी। लेकिन फिलहाल, यह आयोजन कुप्रबंधन और अनदेखी का शिकार हो रहा है, जिससे दिव्यांग बच्चों का मनोबल भी टूट रहा है।
