केंद्रीय जेल की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही, दीवारों पर लटक रहे सोलर फेंसिंग तार..

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बिलासपुर। केंद्रीय जेल की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही सामने आई है। 15 दिनों से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अधिकारियों ने सुरक्षा पोल को दुरुस्त करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।

बिलासपुर केंद्रीय जेल सुरक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत संवेदनशील जेल की श्रेणी में आता है, क्योंकि यहां पर नक्सली और कई गंभीर अपराध में सजा काट रहे बंदी रहते हैं। अतिसंवेदनशील जेल होने के बावजूद यहां की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अधिकारी गंभीर नहीं हैं।

केंद्रीय जेल की 20 फीट ऊंची दीवारों पर लगे करेंट प्रवाहित फेंसिंग तार के पोल क्षतिग्रस्त होकर लटके हुए हैं। इसकी वजह से इन तारों में करेंट का प्रवाह भी बंद है। सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण फेंसिंग तार पोल की मरम्मत नहीं होने से जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।

15 दिन बीतने के बाद भी नहीं उठाए ठोस कदम

15 दिन पूर्व पेड़ की एक डाल टूटकर फेंसिंग तार पोल को क्षतिग्रस्त कर दी। इस कारण तार दीवार पर ही लटके हुए हैं। जेल की सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा दीवार पर लगा फेंसिंग तार पोल क्षतिग्रस्त होने की वजह से बंदियों के भागने का खतरा है।

इसके बावजूद जेल प्रबंधन केवल पत्राचार के भरोसे ही सुरक्षा को ताक पर रखे हुए हैं।

अधिकारियों के अनुसार 20 फीट ऊंची दीवार में लगे फेंसिंग तार में करेंट प्रवाहित रहता है, लेकिन डाल गिरने से यह डैमेज हो गया है। फेंसिंग तार पोल की मरम्मत कराने की जिम्मेदारी क्रेडा विभाग की है।

विभाग को फेंसिंग तार पोल क्षतिग्रस्त होने की सूचना दी गई है। क्रेडा विभाग के अधिकारी सर्वे कर चले गए हैं। बजट आने के बाद ही मरम्मत कार्य होने का आश्वासन क्रेडा विभाग ने जेल प्रबंधन को दिया है।

सी ब्लॉक में रहते हैं 700 से अधिक बंदी

केंद्रीय जेल में बंदियों को रखने के लिए अलग-अलग पांच ब्लॉक बने हुए हैं। इनमें से सी ब्लॉक में सजायाफ्ता 700 से अधिक बंदी रहते हैं।

बंदी जेल की ऊंची दीवार फांदकर न भाग सके, इसके लिए पूरी जेल को 20 फीट की ऊंची दीवार और हाईटेंशन करेंट के सुरक्षा घेरे से कवर किया गया है। इसी वजह से फेंसिंग का क्षतिग्रस्त होना गंभीर बात है।

बिलासपुर केंद्रीय जेल की सुरक्षा व्यवस्था में इस लापरवाही को देखते हुए, यह आवश्यक है कि जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान किया जाए और जेल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।

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Author: Deepak Mittal

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