रायगढ़ में मंडी-राजस्व टीम की बड़ी कार्रवाई: 1200 बोरी अवैध धान जब्त
धान खरीदी से पहले प्रशासन ने अवैध भंडारण पर शिकंजा कसा, आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज
रायगढ़। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू होने से पहले ही अवैध धान भंडारण पर प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ क्षेत्र में सोमवार को मंडी और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने 1200 बोरी अवैध धान जब्त किया। यह कार्रवाई ग्राम उदउदा में की गई, जहां एक व्यक्ति द्वारा बड़ी मात्रा में धान का अवैध भंडारण किया गया था।
कार्रवाई का विवरण
मिली जानकारी के अनुसार, धरमजयगढ़ ब्लॉक के ग्राम उदउदा निवासी कपिल यादव ने अपने घर में धान की बोरियों का बड़ा जखीरा जमा किया था। मंडी और राजस्व अधिकारियों को गुप्त सूचना मिली कि यहां बड़ी मात्रा में अवैध धान रखा गया है, जो संभवतः समर्थन मूल्य पर खरीदी के दौरान बेचा जाना था।
सूचना के बाद मंडी निरीक्षक और तहसील अमले ने मौके पर दबिश दी। तलाशी में 1200 बोरी धान बरामद की गई। कपिल यादव संतोषजनक जवाब नहीं दे सके और न ही धान की खरीदी या परिवहन से संबंधित कोई दस्तावेज प्रस्तुत कर सके।
अवैध भंडारित धान को गांव के उप सरपंच महेंद्र यादव के सुपुर्द किया गया। इस कार्रवाई में धरमजयगढ़ SDM प्रवीण कुमार, तहसीलदार हितेश कुमार साहू, मंडी विभाग के अधिकारी और अन्य कर्मचारी मौजूद थे। आरोपी के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम और कृषि उपज मंडी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है।
लगातार हो रही है धरपकड़ की कार्रवाई
धान खरीदी के सीजन से पहले रायगढ़ जिले में अवैध भंडारण की घटनाओं में तेजी देखी जा रही है। प्रशासन अब ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त रवैया अपना रहा है, जो अन्य जिलों या राज्यों से धान लाकर अवैध भंडारण कर रहे हैं।
उदाहरण के लिए, 27 अक्टूबर को खरसिया क्षेत्र के बानीपाथर ओवरब्रिज पर एक ट्रेलर में 600 से अधिक बोरी अवैध धान पकड़ी गई थी। राजस्व टीम ने वाहन जब्त कर खरसिया थाना पहुंचाया और जांच शुरू की कि यह धान कहां से आई और किसके पास भेजी जा रही थी।
प्रशासन की चेतावनी
धरमजयगढ़ SDM प्रवीण कुमार ने कहा,
“जिले में अवैध रूप से धान खरीदने, बेचने या भंडारण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार का उद्देश्य किसानों को उनका हक दिलाना है। कालाबाजारी या फर्जीवाड़ा करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”
कृषि विभाग ने भी किसानों से अपील की है कि वे अपने धान को पंजीकृत समितियों में ही बेचें और किसी बिचौलिए या निजी व्यापारी के झांसे में न आएं। विभाग ने चेतावनी दी कि अनुचित भंडारण या अवैध खरीदी-बिक्री में लिप्त पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Author: Deepak Mittal









