UP News: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव साल 2027 में है। हालांकि, पार्टी और संघ दोनों ने अभी से इसके लिए तैयारी करनी शुरू कर दी है। इसके लिए खास एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को प्रदेश में नुकसान हुआ था, जिसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संगठन ने बहुत गंभीरता से लिया है।
विधानसभा चुनाव से पहले हर सीट पर बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने की कोशिश है। इसके लिए ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया गया है। 3 जिलों की 20 सीट पर खास फोकस है और 155 सीटों के लिए खास रणनीति तैयार की जा रही है।
बीजेपी का मकसद है कि 2027 तक हर सीट पर संगठन को मजबूत किया जाए। पार्टी की सफलता के लिए बूथ स्तर तक संगठन का मजबूत होना और कार्यकर्ताओं को एकजुट रखना पार्टी की प्राथमिकता है। इसके लिए 2022 विधानसभा चुनाव में हारी हुई और जीती हुई सीटों की लिस्ट बनाई गई है और इन सीटों को 4 हिस्सों में बांटा गया है।
UP के लिए BJP ने बनाया खास प्लान
उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी ने 370 सीटों पर चुनाव लड़ा था। पार्टी को 255 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। बीजेपी ने 3 जिलों को खास तौर पर फोकस रखा है। इसमें मैनपुरी, रायबरेली और आजमगढ़ की 20 सीट हैं। ये तीनों जिले आज भी बीजेपी के लिए मुश्किल हैं और यहां समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का दबदबा रहा है। बीजेपी का प्लान इस बार सपा-कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाना है।
BJP ने 4 श्रेणियां बनाई, हर कैटेगरी के लिए है तय रणनीति
कैटेगरी A: इसमें वो सारी सीटें शामिल हैं जहां 2022 विधानसभा चुनाव में बीजेपी दूसरे स्थान पर रही। इन हारने वाली सीटों में से कई पर मुकाबला बेहद कड़ा रहा था। यहां इस बार जीत दर्ज करने के लिए पार्टी ने अभी से पन्ना प्रमुखों को सक्रिय कर दिया है।
कैटेगरी B- इस श्रेणी में उन सीटों को शामिल किया गया है, जहां पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी तीसरे स्थान पर रही थी। यहां संगठनात्मक बैठकें करने, कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने और बूथ मैनेजमेंट पर फोकस रहेगा।
कैटेगरी C- मैनपुरी, रायबरेली और आज़मगढ़ को इस श्रेणी में शामिल किया गया है। इन तीन जिलों में 20 विधानसभा सीटें आती हैं। यहां सपा या कांग्रेस का प्रभाव परंपरागत रूप से रहा है। यहां केंद्रीय पदाधिकारियों को लगातार सक्रिय रखने के साथ ही छोटी सभाओं के जरिए जनता का मूड भांपने की कोशिश होगी।
4. कैटेगरी D: इस श्रेणी में उन सीटों को शामिल किया गया है, जहां बीजेपी 2022 में तो हारी थी लेकिन बाद में हुए उपचुनाव में जीत हासिल की थी। इन सीटों पर उपचुनाव में भूमिका निभाने वाले पदाधिकारियों को ही जिम्मेदारी दी जाएगी।
BJP ने मुस्लिम बहुल सीटों के लिए बनाई खास रणनीति
इसके अलावा कुछ और सीटों पर भी फोकस है और इन सीटों के लिए पार्टी ने अलग रणनीति तय की है। इसमें सहयोगी दलों की हारी हुई सीटें हैं। यहां बीजेपी और सहयोगी दल मिलकर चुनावी रणनीति बनाएंगे और इसके लिए अभी से वार्ता शुरू हो गई है।
इसके अलावा मुस्लिम बाहुल्य सीटों को अलग श्रेणी में रखा गया है। इन सीटों पर पिछले चुनाव में बीजेपी हारी थी। यहां अल्पसंख्यक मोर्चे के पदाधिकारियों को सक्रिय कर मुस्लिम वोटों को साधने की रणनीति बनाई जाएगी।
Author: Deepak Mittal









