अश्विनी वैष्णव, रेल मंत्री ने सीएसएमटी हेरिटेज बिल्डिंग के दौरे के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि दी

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अश्विनी वैष्णव, माननीय रेल मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने दिनांक 13.9.2024 को सीएसएमटी के दौरे ( विजिट ) के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि दी।
वैष्णव ने अपने आगमन पर सर्वप्रथम सीएसएमटी में मध्य गुंबद के नीचे स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के समक्ष माथा टेका। उन्होंने सीएसएमटी हेरिटेज बिल्डिंग के पोर्टिको और भव्य सीढ़ी का दौरा किया और ऐतिहासिक इमारत का प्रशंसा के साथ अवलोकन किया ।

भारतीय रेलवे की यात्रा 16 अप्रैल, 1853 को इस ऐतिहासिक स्थाल से आरम्भ हुई थी, जब भारतीय उपमहाद्वीप पर पहली ट्रेन बोरीबंदर और ठाणे के बीच लगभग 34 किलोमीटर की दूरी पर चली थी। ग्रेट इंडियन पेनिनसुला (जीआईपी) रेलवे कंपनी जिसने पहली ट्रेन चलाई थी, बाद में यही सेंट्रल रेलवे अर्थात वर्तमान के मध्य रेल के रूपये में स्थापित हुई जब 1951 में देश भर की तत्कालीन रेलवे कंपनियों को भारतीय रेलवे बनाने के लिए विलय कर दिया गया।
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस जिसे पहले विक्टोरिया टर्मिनस के नाम से जाना जाता था, जुलाई 2004 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया था और यह भारत के अन्य ऐतिहासिक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों जैसे ताजमहल, अजंता गुफाएँ, खजुराहो, महाबलीपुरम और अन्य की श्रेणी में शामिल हो गया। हिंदू और मुगल वास्तुकला के संयोजन के साथ गॉथिक शैली में प्रसिद्ध वास्तुकार फ्रेडरिक विलियम स्टीवंस द्वारा डिज़ाइन की गई, यह शहर के लोगों द्वारा सबसे ज्यादा फ़ोटो खींची जाने वाली इमारत है और ताजमहल के बाद देश की दूसरी सबसे अधिक फ़ोटो खींची जाने वाली इमारत है।
26.54 लाख रुपयों की लागत से निर्मित इस भवन को पूरा होने में 10 वर्ष लगे थे, जिसका निर्माण 1878 में शुरू हुआ था और 1887 में पूर्ण हुआ था।

यह भवन, जो तत्कालीन जीआईपी रेलवे के कार्यालयों को संचालित करने के लिए बनाया गया था, अभी भी मध्य रेल के मुख्यालय के रूप में कार्यरत है, जिसमें महाप्रबंधक कार्यालय के साथ और विभिन्न अन्य कार्यालय हैं और संभवतः यह एकमात्र यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है जो अभी भी अपने उद्देश्य को पूरा कर रहा है ।

सीएसएमटी (जैसा कि इसे लोकप्रिय रूप से जाना जाता है) 18 प्लेटफार्मों के साथ लगभग 200 मेल / एक्सप्रेस ट्रेनों और 1200 से अधिक उपनगरीय ट्रेनों के लिए उद्गम स्थल भी है, जिसमें प्लेटफार्म नंबर 1 से 7 उपनगरीय ट्रेनों के लिए और प्लेटफार्म नंबर 8 से 18 मेल / एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए उपयोग में आता हैं।

वैष्णव ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के प्रस्तावित पुनर्विकास के लघु त्रिमितीय मॉडल को देखा। योजना की विभिन्न विशेषताओं पर भी प्रकाश डाला गया

2022 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2,450 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत और 2026 तक पूरा होने की समयसीमा के साथ आधुनिक सुविधाओं और बेहतर यात्री सुविधाओं से सज्ज सीएसएमटी के पुनर्विकास को मंजूरी दी थी। इस स्टेशन के पुनर्विकास की योजना का उद्देश्य माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप सीएसएमटी को मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब में बदलना है। इस परिवर्तन में आगमन और प्रस्थान को अलग करना, स्टेशन को दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाना और सभी यात्रियों के लिए बेहतर सेवाएँ प्रदान करना शामिल होगा। इसके अतिरिक्त, स्टेशन में सभी भवन पर्यावरण संवर्धक एवं ऊर्जा-कुशल डिज़ाइन और इसके विरासत तत्वों को उनके मूल गौरव के रूप में बहाली के साथ पूर्ण करना शामिल होगा।

पुनर्विकास की मुख्य विशेषताएँ:

* विशाल डबल लेवल उपनगरीय कॉनकोर्स
* एक नए प्रवेश बिंदु के साथ बेहतर स्टेशन पहुँच
• खुदरा, कैफेटेरिया और मनोरंजक सुविधाओं के लिए स्थानों के साथ केंद्रीकृत यात्री सुविधाएँ। मौजूदा साउथ हेरिटेज नोड को डी-कंजेस्ट किया जाएगा और मल्टीलेवल पार्किंग द्वारा पर्याप्त पार्किंग सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी।
• पुनर्विकास परियोजना विरासत तत्वों की बहाली और संवर्धन पर जोर देती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्टेशन का ऐतिहासिक महत्व संरक्षित रहे ।
* डिजाइन में एक नया उपनगरीय स्थानक और एक लंबी दूरी का स्थानक शामिल है, दोनों 25 मीटर चौड़े स्काईवॉक से जुड़े हैं, जिससे पहुंच और सुविधा में वृद्धि होगी। पैदल यात्रियों के अनुकूल एक एतिहासिक धरोहर प्रांगण बनाया जाएगा, जिससे यात्रियों के लिए क्षेत्र में आवाजाही में आसानी होगी।

नियमित निरीक्षण करते हुए, श्री वैष्णव ने उपनगरीय कॉनकोर्स का दौरा किया और स्टेशन प्रबंधक और मौजूदा कर्मचारियों से बातचीत की। उन्होंने आरएलडीए (रेल भूमि विकास प्राधिकरण) द्वारा किए जा रहे पुनर्विकास कार्य और सीएसएमटी स्टेशन के यार्ड रीमॉडलिंग की प्रगति के बारे में भी जानकारी ली।

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Author: Deepak Mittal

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