आरंगः नवीन शासकीय महाविद्यालय तामासिवनी में कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार महाविद्यालय के कुलपति बल्देव भाई शर्मा का आगमन हुआ। महाविद्यालय के गुणवत्ता प्रकोष्ठ के आमंत्रण पर महाविद्यालय में पधारे कुलपति प्रोफेसर बल्देव भाई शर्मा ने महाविद्यालय के शिक्षकों तथा बड़ी संख्या में उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एक ग्रामीण क्षेत्र में महाविद्यालय शिक्षा की स्थिति का अवलोकन करने की उत्सुकता ने उन्हें इस महाविद्यालय में आने के आमंत्रण को स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया।
भारतीय संस्कृति की गहरी समझ रखने वाले ख्यातिनाम वक्ता बल्देव भाई ने शिक्षा के सही उद्देश्य की व्याख्या करते हुए छात्र-छात्राओं से उसे एक सकारात्मक और नैतिक परिप्रेक्ष्य में ग्रहण करने का आह्वान किया। अपने प्रेरणादायक भाषण में उन्होंने बताया कि शिक्षा का उद्देश्य मात्र पढ़ लिखकर नौकरी पाना और एक आरामदायक जिंदगी जीना ही नहीं होता, हमें समाज के प्रति अपने दायित्व को लेकर भी सजग होना चाहिए। शिक्षित होने का वास्तविक अर्थ केवल ऐशो आराम की जिंदगी को सुनिश्चित करना ही नहीं है, बल्कि मानव को जीवन के सच्चे सुख की तलाश करनी चाहिए।
इंसान जीवन पर्यंत सुख की खोज करता रहता है लेकिन उसे पता नहीं होता है कि सच्चा सुख किसे कहते हैं। कुलपति बल्देव भाई ने कई सुंदर दृष्टांतों के माध्यम से सच्चे सुख की प्रभावशाली और प्रेरक तस्वीर उपस्थित की। उन्होंने नवीन शासकीय महाविद्यालय, तामासिवनी जैसे ग्रामीण क्षेत्र में संचालित महाविद्यालय की स्थापना को शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। प्रख्यात शिक्षाविद ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में साधन विहीन छात्र-छात्राओं के लिए ऐसे महाविद्यालय का संचालन शहरों के बड़े-बड़े महाविद्यालय के संचालन से ज्यादा अर्थपूर्ण है।
महाविद्यालय में अधिक संख्या में छात्राओं तथा महिला प्राध्यापकों की उपस्थिति पर हर्षित होते हुए उन्होंने कहा कि कन्या को भारतीय संस्कृति में दुहिता इसलिए कहा जाता है, क्योंकि एक सुशिक्षित स्त्री अपने जीवन में दो घरों को संभालती है और इसीलिए एक पढ़ी लिखी स्त्री परिवारों को सुशिक्षित कर सकती है। कुलपति ने महाविद्यालय के प्राचार्य तथा शिक्षकों की कर्तव्य-परायणता की विशेष सराहना करते हुए उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी। आयोजन के आरंभ में महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. रेणु माहेश्वरी ने कुलपति का स्वागत किया तथा वरिष्ठ प्राध्यापक डाॅ. आनंद बहादुर ने कार्यक्रम का संचालन किया।
संकलनकर्ता रोशन चंद्राकर पत्रकार आरंग