ताजा खबर
ईपीएफओ सदस्यों को बड़ी राहत : अब भविष्य निधि खाते से निकाल सकेंगे 100 प्रतिशत राशि मुंगेली भाजपा में मंडल मीडिया प्रभारियों की बैठक संपन्न: मोदी सरकार के विकास कार्यों को जनता तक पहुंचाने का निर्देश सरगांव क्षेत्र में भारी बारिश का कहर: धान फसलें बर्बाद, किसानों की उम्मीदें धूल में मिलीं.. BIG BREAKING: बिलासपुर-ईतवारी इंटरसिटी एक्सप्रेस से RPF ने बरामद किए 3.37 करोड़ के सोना-चांदी के जेवर — नागपुर मंडल की बड़ी कार्रवाई! झारखंड विधायक जनार्दन पासवान ने केंद्रीय मंत्री तोखन साहू से की सौजन्य भेंट — शहरी विकास की नई दिशा पर हुई गहन चर्चा ‘सुशासन संवाद’ में गूंजा डिजिटल बदलाव का मंत्र — CM विष्णुदेव साय बोले, “नवाचार जनता के जीवन को सरल बनाने का माध्यम बने

कमाल की खोज! आ गया पानी में चलने वाला रोबोट, ऐसी टेक्नोलॉजी जिसे देख आपके भी उड़ जाएंगे होश

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

HydroSpread Robot: वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित की है जिसका नाम है HydroSpread जो पानी की सतह पर सीधे सॉफ्ट रोबोट बनाने की क्षमता देती है. यह खोज रोबोटिक्स, हेल्थकेयर और पर्यावरण निगरानी जैसी कई क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है.

ज़रा सोचिए, एक पत्ती जितना छोटा रोबोट जो तालाब की सतह पर बिना डूबे बड़ी सहजता से चल रहा है बिल्कुल पानी पर दौड़ने वाले कीड़े (Water Strider) की तरह. आने वाले समय में ऐसे छोटे रोबोट पानी में प्रदूषण की निगरानी, सैम्पल इक्ठ्ठा करने या बाढ़ग्रस्त इलाकों में सर्वे करने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं जहां इंसानों के लिए पहुंचना खतरनाक होता है.

अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया में हुई खोज

अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया के इंजीनियरिंग और एप्लाइड साइंस स्कूल में प्रोफेसर बाओक्सिंग ज़ू (Baoxing Xu) और उनकी टीम इस सपने को हकीकत में बदलने पर काम कर रही है. उनकी हालिया रिसर्च जो Science Advances जर्नल में प्रकाशित हुई है ने HydroSpread नामक निर्माण तकनीक को पेश किया है एक ऐसा प्रोसेस जो अब तक की पारंपरिक विधियों से बिल्कुल अलग है.

क्या है HydroSpread की खासियत

अब तक सॉफ्ट रोबोट के लिए बेहद पतली और लचीली फिल्में कांच जैसी ठोस सतहों पर तैयार की जाती थीं और बाद में पानी पर ट्रांसफर करनी पड़ती थीं. इस प्रक्रिया में परतें अक्सर फट जाती थीं या खराब हो जाती थीं.

HydroSpread ने इस जटिल प्रक्रिया को आसान बना दिया है. इसमें तरल पदार्थ (लिक्विड) को ही निर्माण सतह के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. पॉलिमर के छोटे-छोटे ड्रॉप्स अपने आप फैलकर बेहद पतली और समान परतें बना लेते हैं. इसके बाद एक लेज़र बीम की मदद से इन फिल्मों को सटीक पैटर्न जैसे सर्कल, स्ट्रिप्स, या यहां तक कि यूनिवर्सिटी का लोगो में काटा जा सकता है.

पानी पर चलने वाले सॉफ्ट रोबोट

शोधकर्ताओं ने इस तकनीक से दो कीट जैसे प्रोटोटाइप बनाए HydroFlexor, जो फिन जैसी हरकतों से पानी की सतह पर आगे बढ़ता है. HydroBuckler, जो पानी पर ‘टांगों को मोड़ते हुए’ चलता है, ठीक पानी के कीटों की तरह. इन रोबोट्स को प्रयोगशाला में इन्फ्रारेड हीटर से ऊर्जा दी गई. जैसे-जैसे फिल्म गर्म हुई उसका ढांचा मुड़ा या झुका, जिससे यह तैरने या चलने लगी.

तापमान को कंट्रोल करके इन रोबोट्स की स्पीड और दिशा बदली जा सकती थी. भविष्य में इन्हें सूरज की रोशनी, मैग्नेटिक फील्ड या माइक्रो हीटर्स से कंट्रोल करने की संभावना है जिससे ये रोबोट पूरी तरह स्वायत्त (Autonomous) बन सकें.

भविष्य की दिशा

प्रोफेसर ज़ू के अनुसार, जब हम फिल्म को सीधे तरल पर बनाते हैं तो हमें एकदम स्मूद और सटीक प्लेटफॉर्म मिलता है. इससे डिवाइस ट्रांसफर करने की ज़रूरत नहीं पड़ती और त्रुटि की संभावना बहुत कम हो जाती है.’ यह तकनीक सिर्फ सॉफ्ट रोबोट्स तक सीमित नहीं है. HydroSpread के जरिए भविष्य में वेयरेबल मेडिकल सेंसर, फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स, और पर्यावरण निगरानी उपकरण बनाए जा सकते हैं जो नाजुक, टिकाऊ और हल्के हों, जहां पारंपरिक कठोर सामग्री बेअसर साबित होती है.

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Comment

October 2025
S M T W T F S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031  

Leave a Comment