सभी धर्मगुरुओं ने बुलंद की आवाज: मंगेली जिला में बाल विवाह खत्म करने का लिया संकल्प

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निर्मल अग्रवाल ब्यूरो चीफ मुंगेली 8959931111

मुंगेली- जिला मंगेली को बाल विवाह मुक्त बनाने के अभियान के तहत सभी धर्मगुरुओं ने एकजुट होकर बाल विवाह के खिलाफ आवाज बुलंद की है। जस्ट राइटर्स फोर चिल्ड्रन छत्तीसगढ़ द्वारा साथी संस्था कृषक सहयोग संस्थान के सहयोग से 12-14 सितंबर को बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का आयोजन किया गया।

इस दौरान जिले के विभिन्न धार्मिक स्थलों मंदिर, चर्च, मस्जिद और गुरुद्वारों में धर्मगुरुओं ने जोरदार अपील की कि समाज के हर वर्ग और व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि कम उम्र में शादी बच्चों के अधिकारों, शिक्षा, सुरक्षा और विकास के लिए घातक है।

धर्मगुरुओं ने अपने संदेश में कहा कि वे बाल विवाह रोकथाम के संदेश को समाज तक पहुंचाएंगे और लोगों को जागरूक करेंगे कि लड़के-लड़कियों की शादी के लिए कानूनी न्यूनतम उम्र का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। विवाह के लिए लड़कियों की उम्र 18 वर्ष और लड़कों की 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। इसके लिए स्वयं धर्मगुरु भी अपनी भूमिका निभाएंगे और अपने अनुयायियों को भी प्रेरित करेंगे।


बाल विवाह के दुष्परिणामों पर प्रकाश डालते हुए धर्मगुरुओं ने दोहराया कि कम उम्र में विवाह न केवल शिक्षा और स्वास्थ्य के अवसर छीनता है बल्कि भविष्य में गंभीर सामाजिक और आर्थिक समस्याओं को भी जन्म देता है। बाल विवाह के कारण लड़कियों को शिक्षा से वंचित होना, घरेलू हिंसा एवं शोषण, और स्वास्थ्य संकट का सामना करना पड़ता है। इससे लड़कों का भविष्य भी नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है।

इस अवसर पर धर्मगुरुओं ने बाल विवाह मुक्ति के लिए अपना संकल्प दोहराया और पूरी जिलेवासियों से अपील की कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए कम उम्र में विवाह प्रथा पर रोक लगाएं एवं बेटियों-बेटों को शिक्षा और अधिकारों का पूरा अवसर दें।

निष्कर्ष:
मंगेली जिले में सभी धर्मगुरुओं का एक स्वर बाल विवाह मुक्त समाज की ओर एक प्रेरणादायक कदम है, जो जिले और राज्य दोनों के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करता है।

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Author: Deepak Mittal

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