लोग अकसर सेहत ठीक रखने के लिए अच्छी डाइट, वर्कआउट या फिर डॉक्टर की दवाओं पर निर्भर रहते हैं। बावजूद इसके कई बार कुछ बड़े रोग व्यक्ति को घेर लेते हैं। जिनसे निजात पाने के लिए लोग ईश्वर की शरण में जाते हैं।
भारत में भी एक ऐसा चमत्कारी मंदिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां दर्शन करके पूजा करने से व्यक्ति की किडनी से संबंधी सम्स्याएं ठीक हो जाती हैं। बता दें, तमिलनाडु के त्रिची जिले में स्थित इस मंदिर का नाम ऊट्टाथुर सुद्ध रत्नेश्वर मंदिर है। यह प्राचीन शिव मंदिर विशेष रूप से किडनी रोगों जैसे किडनी स्टोन, क्रोनिक किडनी डिजीज, और अन्य गुर्दे से संबंधित समस्याओं के उपचार के लिए प्रसिद्ध है। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ‘द टेम्पल गर्ल’ ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करके इस मंदिर से जुड़ी जानकारी दी है। आइए जानते हैं क्या है इस मंदिर में खास।
मंदिर की विशेषताएं
ऊट्टाथुर सुद्ध रत्नेश्वर मंदिर, को लेकर भक्तों का विश्वास है कि इस मंदिर में पूजा, अभिषेक, और विशेष अनुष्ठान करने से किडनी की समस्याओं में राहत मिल सकती है।
किडनी रोगों के लिए प्रसिद्ध ऊट्टाथुर सुद्ध रत्नेश्वर मंदिर
ऊट्टाथुर सुद्ध रत्नेश्वर मंदिर को किडनी रोगों के लिए चमत्कारी माना जाता है। भक्तों का विश्वास है कि मंदिर के ब्रह्म तीर्थम (पवित्र कुआं) का जल और नटराज की पूजा से किडनी की समस्याओं में राहत मिलती है। माना जाता है कि इस कुएं के जल में सभी पवित्र नदियों का पानी है, जिसमें कई तरह के औषधीय गुण मौजूद हैं। यहां आने वाले भक्त इस पानी से अभिषेक करने के बाद इसे पीते हैं। यहां आए कई भक्तों का दावा है कि 48 दिनों तक इस जल का सेवन करने और नियमित प्रार्थना से किडनी स्टोन और अन्य समस्याओं में सुधार हुआ है।
मंदिर में दर्शन का समय
मंदिर में दर्शन का समय सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक का है।
मंदिर कैसे पहुंचें
ऊट्टाथुर सुद्ध रत्नेश्वर मंदिर, त्रिची से 30 किमी और पडालुर से 5 किमी की दूरी पर है। यहां से सबसे पास का हवाई अड्डा त्रिची अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (लगभग 35 किमी) है और रेलवे स्टेशन लालगुडी या त्रिची जंक्शन है। अगर आप सड़क मार्ग से आ रहे हैं तो त्रिची-चेन्नई राजमार्ग पर बस या टैक्सी से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
सलाह- आस्था का अपना एक अलग महत्व है लेकिनआप सिर्फ पूजा-पाठ से किसी भी रोग का इलाज नहीं कर सकते हैं। गंभीर बीमारियों के लिए चिकित्सीय परामर्श, उचित दवाएं , संतुलित आहार लेना और व्यायाम करना भी उतना ही आवश्यक है।

Author: Deepak Mittal
