धमतरी: छत्तीसगढ़ के उदंती–सीतानदी टाइगर रिजर्व में अतिक्रमण की एक बड़ी और चौंकाने वाली कोशिश को वन विभाग ने नाकाम कर दिया है। कोंडागांव जिले से आए 53 लोगों को कोर जोन में अवैध रूप से घुसकर जंगल साफ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपी हाथों में कुल्हाड़ी लेकर महानदी कैचमेंट एरिया और हाथी-तेंदुआ जैसे संवेदनशील वन्यप्राणी रहवास क्षेत्रों में पेड़-पौधों की कटाई कर रहे थे।
कोर जोन में कुल्हाड़ी लेकर घुसे थे ग्रामीण
उदंती–सीतानदी टाइगर रिजर्व के उप निदेशक वरुण जैन ने बताया कि सीतानदी (कोर) परिक्षेत्र अंतर्गत आरक्षित वन कक्ष क्रमांक 323, घोटबेड़ा क्षेत्र में कोंडागांव जिले के कई गांवों—देवडोंगर, ढोंडरा, कोरगांव, रावबेड़ा, पिटिसपाल, हरबेल, कोहकामेटा सहित अन्य गांवों के ग्रामीण बिना अनुमति के अभयारण्य में दाखिल हुए थे।
आरोपियों ने कई स्थानों पर झाड़ियों और छोटे पेड़-पौधों की कटाई शुरू कर दी थी।
सूचना मिलते ही वन विभाग का ताबड़तोड़ एक्शन
घटना की सूचना मिलते ही सीतानदी और अरसीकन्हार परिक्षेत्र की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची। सहायक संचालक, परिक्षेत्र अधिकारी और वन कर्मचारियों ने चारों तरफ से घेराबंदी कर सभी 53 आरोपियों को दबोच लिया।
कार्रवाई के दौरान 53 कुल्हाड़ियां भी जब्त की गई हैं।
14 दिन की जेल, 7 साल तक की सजा संभव
कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण की कोशिश करने वाले सभी आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
इन पर वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 27, 29, 31, 50, 51, 52 और भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26(1) के तहत तीन अलग-अलग वन अपराध प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
वन विभाग के अनुसार, इस तरह के मामलों में 3 से 7 साल तक की सजा का प्रावधान है।
पिछले 3 साल में 750 हेक्टेयर भूमि अतिक्रमणमुक्त
उप निदेशक वरुण जैन ने बताया कि टाइगर रिजर्व प्रशासन ने पिछले तीन वर्षों में 750 हेक्टेयर वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। उन्होंने साफ चेतावनी दी कि कोर एरिया में किसी भी तरह की घुसपैठ और जंगल कटाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
Author: Deepak Mittal










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