रायपुर/दिल्ली। लोकसभा में आज रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने शून्यकाल में भारत सरकार और गृह मंत्रालय से मांग की कि इंश्योरेंस क्लेम, चोरी और अप्राकृतिक मृत्यु की पोस्ट–मॉर्टम रिपोर्ट और नॉन-ट्रेसेबल रिपोर्ट पूरी तरह से ऑटो-डिजिटल और पारदर्शी बनाई जाए। उनका उद्देश्य पीड़ित परिवारों को किसी भी प्रकार की देरी, भ्रष्टाचार या उत्पीड़न से बचाना है।
सांसद अग्रवाल ने कहा कि अप्राकृतिक मृत्यु या चोरी की घटनाओं में परिवार पहले ही दुखी होते हैं, ऐसे समय में लंबी और थकाऊ प्रक्रियाएँ उन्हें और अधिक पीड़ा पहुँचाती हैं। उन्होंने कहा कि यदि प्रक्रियाओं को पूर्णत: डिजिटल किया जाए तो मानवीय हस्तक्षेप और शोषण की संभावना स्वतः समाप्त हो जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि यह समस्या केवल किसी एक राज्य तक सीमित नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर की प्रणालीगत विफलता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) को कर्नाटक में रिश्वतखोरी के मामलों में स्वतः संज्ञान लेना पड़ा था।
सांसद ने प्रस्ताव रखा कि सभी संबंधित सेवाओं को CCTNS (Crime & Criminal Tracking Network & Systems) से जोड़ा जाए और पुलिस द्वारा जारी रिपोर्टों को सीधे पीड़ितों के मोबाइल फोन पर ऑटो-डिलीवरी के माध्यम से उपलब्ध कराया जाए। इस प्रणाली से रिपोर्ट प्रक्रिया समयबद्ध, पारदर्शी और ट्रैक करने योग्य होगी।
Author: Deepak Mittal










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