Bihar Politics: ‘बिहार चलो….मुंह में गोली मार दूंगा’…चुनाव में हार की समीक्षा बैठक बना जंग का अखाड़ा, कांग्रेस के दो प्रत्याशी भिड़े !

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बिहार में करारी हार मिलने के बाद गुरुवार को दिल्ली में बिहार कांग्रेस की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में शीर्ष नेतृत्व के सामने ही दो हारे हुए प्रत्याशी आपस में भिड़ गए। देखते ही देखते समीक्षा बैठक जंग की मैदान में बदल गया।

बात गाली गलौज से हाथापाई और फिर जान से मारने की धमकी तक पहुंच गई। दोनों ने एक दूसरे से कहा कि बिहार चलो वहां देख लेंगे। स्थिति बिगड़ती देख सांसद तारिक अनवर ने दोनों को अगल कर मामले को शांत कराया।

दरअसल, बिहार चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के कारणों की समीक्षा के लिए 61 उम्मीदवारों को दिल्ली के इंदिरा भवन में बुलाया गया था। राहुल गांधी और खड़गे अलग-अलग कमरों में बैठे और प्रत्याशियों से 10-10 के समूह में मुलाकात कर रिपोर्ट ली। दोनों नेताओं ने गठबंधन, टिकट बंटवारे और रणनीति संबंधी सभी मुद्दों पर प्रत्याशियों से प्रतिक्रिया मांगी।

सूत्रों के अनुसार, समीक्षा बैठक के दौरान इंजीनियर संजीव सिंह ने ‘बाहरी उम्मीदवारों को टिकट देने’ को कांग्रेस की हार का कारण बताया, जिसका जितेंद्र यादव ने विरोध किया। इसी बात पर दोनों में विवाद भड़क गया। आरोप है कि दोनों एक-दूसरे पर टूट पड़ने की स्थिति में आ गए थे और धमकाते हुए बोले कि ‘अभी तो बच गए, बिहार चलो, वहां देख लेंगे।’ यही नहीं दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गोली मारने तक की धमकी दी।

हंगामे के बाद सांसद तारिक अनवर ने दोनों उम्मीदवारों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि पार्टी में लोगों का आना-जाना चलता रहता है, लेकिन ऐसी अनुशासनहीनता किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। समीक्षा बैठक शुरू होने से पहले ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि, पार्टी नेतृत्व ने अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है।

मीडिया में खबर आने के बाद इंजीनियर संजीव ने सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर सफाई दी। उन्होंने सभी आरोपों को बेबुनियादी बताई। उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस पार्टी के कार्यालय में गोली मारने की धमकी दी गई है। ऐसी किसी बात में कोई सत्यता नहीं है। उन्होंने इस खबर को अफवाह बताया और इस खबर का खंडन किया है।

समीक्षा बैठक में अधिकांश उम्मीदवारों ने रिपोर्ट दी कि कई जगहों पर महागठबंधन के भीतर फ्रेंडली फाइट, सीट बंटवारे में देरी, राजद के साथ चुनाव लड़ने से हुए नुकसान और नीतीश सरकार की चुनाव से ठीक पहले महिलाओं को 10-10 हजार रुपये देने की योजना ने कांग्रेस की स्थिति कमजोर की।

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Author: Deepak Mittal

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