सरकारी डॉक्टरों के हाल देखिए! डिलीवरी के दौरान महिला के पेट में भूल गए कपड़ा

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छिंदवाड़ा : मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां जिले के चांदामेटा सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग टीम ने प्रसव के दौरान महिला के पेट में कपड़ा छोड़ दिया, जिससे उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई।

तेज दर्द के बाद लापरवाही उजागर हुई।

जानकारी के मुताबिक, मोरडोगरी क्षेत्र की महिला देविका साहू 18 नवंबर की रात को प्रसव हुआ था और उसने एक बच्ची को जन्म दिया था। डिस्चार्ज होने के बाद महिला को तेज दर्द और इंफेक्शन की शिकायत होने लगी। परिजन उसे इलाज के लिए छिंदवाड़ा के एक निजी नर्सिंग होम ले गए। वहां जांच में खुलासा हुआ कि प्रसव के दौरान महिला के पेट में कपड़ा रह गया है, जिसकी वजह से गंभीर संक्रमण हो गया है। निजी अस्पताल में सर्जरी कर कपड़ा निकाला गया, तब जाकर हालत में सुधार आया।

जांच के लिए बनी 4 सदस्यीय कमेटी

आरोप सामने आने के बाद खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंकित सहलाम ने मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम गठित की है। इसमें डॉ. सुधा बख्शी, डॉ. नैन्सी जोसफ, बीपीएम अनूप साहू और बीसीएम राधिका भलावी शामिल हैं। कमेटी को पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट के आधार पर संबंधित कर्मचारियों और डॉक्टरों पर कार्रवाई तय होगी।

पति का आरोप: प्रसव के लिए पैसे भी लिए

महिला के पति कैलाश साहू ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि प्रसव कराने के लिए अस्पताल स्टाफ ने उससे 4 हजार रुपये लिए, जिसमें से 3 हजार रुपये डॉक्टर को दिए गए। वहीं बीएमओ का कहना है कि शिकायत के बाद तुरंत कमेटी गठित की गई है और रिपोर्ट आने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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Author: Deepak Mittal

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