नई दिल्ली: विभिन्न संगठनों में कर्मचारियों को वेतन देने में जो भारी अव्यवस्था थी, केंद्र सरकार ने अब उस पर नकेल कस दी है। कई कंपनियों में कर्मचारियों को 10, 15 या यहाँ तक कि 20 तारीख के बाद भी सैलरी मिलती थी।
लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। भारतीय श्रम मंत्रालय ने नए श्रम संहिता (New Labour Codes) को प्रभावी बनाकर कर्मचारियों के वेतन भुगतान की एक निश्चित समय सीमा तय कर दी है।
शुक्रवार से चार नए श्रम कोड प्रभावी हो गए हैं। इन कोड्स के तहत, यह निर्धारित किया गया है कि कर्मचारियों का वेतन महीने की किस तारीख तक दे दिया जाना चाहिए। यह दिशानिर्देश मुख्य रूप से सूचना प्रौद्योगिकी (IT) कंपनियों पर विशेष रूप से लागू होता है।
किसे किस तारीख तक मिलेगा वेतन?
श्रम मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, कर्मचारियों की संख्या के आधार पर वेतन भुगतान की समय सीमा अलग-अलग होगी:
- छोटी कंपनियाँ (100 या उससे कम कर्मचारी): वेतन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इन कंपनियों को कर्मचारियों को महीने की 7 तारीख तक अनिवार्य रूप से वेतन देना होगा।
- बड़ी कंपनियाँ (1000 या अधिक कर्मचारी): इन कंपनियों को हर महीने की 10 तारीख तक कर्मचारियों को वेतन का भुगतान करना होगा।
दिशानिर्देश स्पष्ट है कि कर्मचारियों को वेतन देने की समय सीमा किसी भी हालत में निर्धारित तारीख को पार नहीं करनी चाहिए।
नाइट शिफ्ट और भेदभाव पर कड़े नियम
नए श्रम कोड में कर्मचारियों के लिए कुछ और महत्वपूर्ण बदलाव भी लाए गए हैं:
- समान वेतन: IT सहित विभिन्न संगठनों को समान कार्य के लिए सभी कर्मचारियों को समान वेतन देना होगा।
- महिलाओं की सुरक्षा: महिलाओं की नाइट शिफ्ट या रात की पाली में काम के लिए संगठनों को विशेष सुरक्षा व्यवस्था करनी होगी। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद ही उन्हें रात में काम कराया जा सकेगा।
- भेदभाव निषेध: कार्यस्थल पर महिला और पुरुष दोनों कर्मचारियों के साथ किसी भी तरह का उत्पीड़न या भेदभाव न हो, इस पर कड़ा ध्यान देना होगा।
नए श्रम कोड को कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा और कार्यस्थल पर लैंगिक समानता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
Author: Deepak Mittal








