ग्राम बरलिया हत्याकांड …. मां की हत्या करने वाले बेटे को आजीवन कारावास, अदालत ने सुनाई कठोर सजा

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रायगढ़। ग्राम बरलिया में हुई जघन्य महिला हत्याकांड के मामले में आरोपी पुत्र विजय सारथी को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। माननीय षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश अश्वनी कुमार चतुर्वेदी की अदालत ने आरोपी को धारा 302 आईपीसी के तहत आजीवन कारावास व ₹100 अर्थदंड तथा धारा 201 आईपीसी के तहत तीन वर्ष के सश्रम कारावास और ₹100 अर्थदंड से दंडित किया है।

28 फरवरी 2024 की घटना ने हिला दी थी क्षेत्र को

मृतका नंदिनी सारथी अपने पुत्र विजय के साथ रहती थीं। 28 फरवरी की शाम उनके रिश्तेदार कृष्णा सारथी ने घर में नंदिनी का शव मिलने की सूचना पुलिस को दी। शुरुआती जांच में पता चला कि गर्दन के पीछे गंभीर चोट लगने से उनकी मृत्यु हुई थी। चक्रधरनगर थाना पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की।

आरोपी ने कुल्हाड़ी से की थी हत्या, सबूत मिटाने की कोशिश

जांच के दौरान सहायक उपनिरीक्षक नंद कुमार सारथी ने यह स्पष्ट किया कि आरोपी विजय ने अपनी मां पर कुल्हाड़ी से हमला किया था। हत्या के बाद उसने कुल्हाड़ी से खून के निशान साफ कर उसे घर के बाहर छिपा दिया, जिससे साक्ष्य नष्ट हो जाएं। तत्कालीन थाना प्रभारी प्रशांत राव के नेतृत्व में आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया गया।

15 गवाहों और 31 दस्तावेजों ने मजबूत किया मामला

अभियोजन की ओर से 15 गवाहों के बयान और 31 महत्वपूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत किए गए, जो अदालत में ठोस सबूत साबित हुए। आरोपी ने अपना बचाव करने की कोशिश की, लेकिन अभियोजन के मजबूत प्रमाणों के सामने उसकी दलीलें टिक नहीं सकीं।

न्यायालय ने पीड़ित पक्ष को 5 लाख मुआवजा की अनुशंसा की

अदालत ने सजा सुनाते हुए यह भी माना कि पीड़ित परिवार को न्यायोचित क्षतिपूर्ति मिलनी चाहिए। जीवन हानि के मद में न्यूनतम 5 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति उपलब्ध कराने की अनुशंसा की गई है।

रायगढ़ पुलिस की त्वरित जांच की सराहना

इस पूरे मामले की जांच नगर पुलिस अधीक्षक आकाश शुक्ला के सुपरविजन में की गई, जबकि लोक अभियोजक तन्मय बनर्जी ने अदालत में पैरवी की। पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के मार्गदर्शन में रायगढ़ पुलिस लगातार गंभीर अपराधों में तत्परता से कार्रवाई कर आरोपियों को सजा दिला रही है।

संदेश साफ—गंभीर अपराध करने वालों को नहीं मिलेगी राहत

इस निर्णय से स्पष्ट है कि पारिवारिक विवाद या गंभीर अपराधों में शामिल कोई भी आरोपी कानून से नहीं बच सकता। अदालत की कड़ी सजा और पुलिस की प्रभावी विवेचना से क्षेत्र में न्याय व्यवस्था के प्रति भरोसा और मजबूत हुआ है।

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Author: Deepak Mittal

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