पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद मंत्रिमंडल गठन की तैयारियाँ तेज़ हो गई हैं। इस बार चर्चा का केंद्र है प्रधानमंत्री मोदी का ‘MY’ फॉर्मूला, जिसमें M यानी महिला और Y यानी युवा को प्राथमिकता दी गई है। इस फॉर्मूले को आरजेडी के ‘मुस्लिम-यादव’ (MY) फॉर्मूले का जवाब माना जा रहा है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि नए मंत्रिमंडल में एक महिला उपमुख्यमंत्री का नाम तय तौर पर शामिल होगा, जबकि युवा चेहरे को भी नेतृत्व में जगह दी जा सकती है। पिछली बार 2020 में तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी डिप्टी सीएम बने थे, वहीं 2024 में सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा बीजेपी के कोटे से उपमुख्यमंत्री बने।
दो या तीन डिप्टी सीएम का विकल्प:
एनडीए के पास दो विकल्प हैं—
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पुराने फार्मूले के अनुसार दो उपमुख्यमंत्री रखना, जिसमें कम से कम एक नाम महिला को दिया जाए।
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तीन डिप्टी सीएम का फॉर्मूला अपनाना, जिसमें महिला और युवा कोटे को संतुलित किया जा सके। इस विकल्प से पीएम मोदी के ‘MY’ फॉर्मूले को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि बीजेपी और जेडीयू जातीय, क्षेत्रीय और महिला-युवा समीकरण को ध्यान में रखते हुए अंतिम फैसला करेंगे। EBC यानी अति पिछड़ा वर्ग और महिला मतदाताओं का योगदान एनडीए की जीत में अहम रहा, इसलिए मंत्रिमंडल गठन में इन समूहों को प्राथमिकता दी जाएगी।
संभावित प्रभाव:
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महिला वोट बैंक को मजबूती।
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युवा नेताओं को नेतृत्व में मौका, तेजस्वी यादव की युवा छवि को टक्कर।
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दलित, पिछड़ा और अति पिछड़ा समुदाय के नेताओं का प्रतिनिधित्व।
कुल मिलाकर, बिहार में अगले मंत्रिमंडल में जातीय संतुलन के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी के ‘MY’ फॉर्मूले का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
Author: Deepak Mittal









