बिलासपुर: गलत पैर का ऑपरेशन, मरीज ने डॉक्टरों के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

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 ESIC योजना में चिकित्सीय लापरवाही की जांच रिपोर्ट को हाईकोर्ट ने किया खारिज

बिलासपुर में ईएसआईसी योजना के तहत इलाज कराने वाली गरीब महिला शोभा शर्मा ने गलत पैर का ऑपरेशन किए जाने के आरोप में हाईकोर्ट का रुख किया है। कोर्ट ने बिलासपुर के लालचंदानी अस्पताल और आरबी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस की जांच रिपोर्ट को अवैध करार देते हुए खारिज कर दिया।

मामले की पृष्ठभूमि

याचिकाकर्ता शोभा शर्मा ने बताया कि उन्होंने प्रारंभिक उपचार लालचंदानी अस्पताल दयालबंद में कराया। ऑपरेशन के लिए उन्हें बाद में आरबी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस भेजा गया। आरोप है कि डॉक्टरों ने उपयुक्त बाएं घुटने की बजाय दाएं घुटने का ऑपरेशन कर दिया।

गलत ऑपरेशन पर आपत्ति जताने के बाद बिना समुचित तैयारी और चिकित्सा मूल्यांकन के बाएं घुटने का भी जल्दबाजी में ऑपरेशन कर दिया गया। इसके बावजूद उनकी समस्या बनी रही और दर्द में कोई राहत नहीं मिली। मरीज को शारीरिक अक्षमता और तीव्र पीड़ा का सामना करना पड़ा।

हाईकोर्ट का आदेश

कोर्ट ने पाया कि गठित चार सदस्यीय समिति न तो कलेक्टर द्वारा विधिवत गठित थी और न ही इसका नेतृत्व डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारी के हाथ में था। इसलिए इसकी रिपोर्ट कानूनी रूप से वैध नहीं मानी जा सकती

हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि कलेक्टर नियम 18 के अनुसार नई उच्चस्तरीय समिति गठित करें और चार माह के भीतर मामले की निष्पक्ष जांच पूरी कराई जाए।

यह मामला चिकित्सीय लापरवाही और मरीजों के अधिकारों पर सवाल उठाता है, और यह सुनिश्चित करता है कि ऐसे गंभीर मामलों में उचित जांच और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।

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Author: Deepak Mittal

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