22 हाथियों के झुंड के बीच हुई यह त्रासदी, जांच में खुला कारण – पानी में गहराई तक जाने से डूब गई मासूम शावक
रायगढ़। धरमजयगढ़ वनमंडल के छाल परिक्षेत्र अंतर्गत औरानारा परिसर में एक मादा जंगली हाथी शावक का शव बरामद हुआ है। प्रारंभिक जांच में यह पुष्टि हुई है कि शावक की मृत्यु पानी में डूबने से हुई। इस घटना से क्षेत्र में वन विभाग और ग्रामीणों में सनसनी फैल गई है।
घटना ऐसे हुई
28 अक्टूबर की शाम लगभग 4 बजे स्थानीय ग्रामीणों ने सराईमुड़ा तालाब (परिसर कक्ष क्रमांक 517 आर.एफ.) के किनारे एक जंगली मादा हाथी शावक को मृत अवस्था में देखा।
सूचना मिलते ही छाल परिक्षेत्र का वन अमला और पशु चिकित्सा अधिकारी मौके पर पहुंचे।
प्रारंभिक निरीक्षण में अनुमान लगाया गया कि शावक तालाब की गहराई में फंसकर डूब गई थी।
पोस्टमार्टम में डूबने की पुष्टि
सूर्यास्त के कारण पोस्टमार्टम की प्रक्रिया अगले दिन, 29 अक्टूबर की सुबह पूरी की गई।
वनमंडलाधिकारी और जिला स्तरीय तीन सदस्यीय पशु चिकित्सा टीम ने मौके पर निरीक्षण किया।
टीम में शामिल थे —
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डॉ. विवेक नायक (धरमजयगढ़)
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डॉ. नरेंद्र नायक (रायगढ़)
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डॉ. आशीष राठिया (छाल)
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि शावक की मृत्यु पानी में डूबने से हुई है। शव को विधिवत रूप से दफनाया गया।
22 हाथियों का दल कर रहा था विचरण
वन विभाग ने बताया कि पिछले कई दिनों से छाल परिक्षेत्र के औरानारा इलाके में लगभग 22 हाथियों का दल घूम रहा था।
संभावना है कि शावक अपने झुंड के साथ पानी पीने या खेलते हुए तालाब में गहराई तक चली गई और वहीं डूब गई।
वन विभाग ने बढ़ाई निगरानी
धरमजयगढ़ के डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने बताया —
“प्रारंभिक जांच में यह आकस्मिक मृत्यु प्रतीत होती है। फिलहाल हाथियों के दल पर सतत निगरानी रखी जा रही है।”
वन अमले को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं ताकि मानव-हाथी संघर्ष की घटनाएं रोकी जा सकें।
ग्रामीणों से अपील
वन विभाग ने ग्रामीणों से आग्रह किया है कि —
“हाथियों के झुंड से सुरक्षित दूरी बनाए रखें और किसी भी असामान्य स्थिति की तुरंत सूचना नजदीकी परिक्षेत्र कार्यालय को दें।”
Author: Deepak Mittal









