खंडवा: तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में रविवार सुबह उस समय सनसनी फैल गई, जब जंगल के पास हज़ारों तांबे के लोटे पड़े मिले। यह वही लोटे बताए जा रहे हैं जो वर्ष 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नर्मदा यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं से दान के रूप में एकत्र किए गए थे।
इन लोटों का उपयोग भगवान आदि गुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची प्रतिमा निर्माण में सहयोग के प्रतीक रूप में होना था।
जानकारी के अनुसार, प्रतिमा स्थल के पास स्थित नई बस स्टैंड के पीछे के मार्ग पर स्थानीय लोगों की नजर अचानक सैकड़ों तांबे के लोटों पर पड़ी। बताया जा रहा है कि कुछ महिलाएं इन्हें बोरों में भरकर ले जा रही थीं, लेकिन जब लोगों ने पूछताछ की तो वे बोरे वहीं छोड़कर भाग गईं।
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और सभी लोटों को जब्त कर जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह मामला चोरी का है या लापरवाही का। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह सिर्फ चोरी नहीं, बल्कि श्रद्धा और आस्था का अपमान है। उन्होंने प्रतिमा स्थल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह पूरा क्षेत्र पर्यटन विकास और संस्कृति विभाग की जिम्मेदारी में आता है, इसलिए इतनी बड़ी संख्या में लोटे बाहर कैसे पहुंचे, यह जांच का विषय है। फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं।

Author: Deepak Mittal
