रायपुर, 08 सितम्बर 2025।
छत्तीसगढ़ के इतिहास में आज एक गौरवशाली अध्याय जुड़ गया है। जशपुर जिले के पाँच जनजातीय युवा पर्वतारोही हिमाचल प्रदेश के दुहंगन ग्लेशियर क्षेत्र के लिए रवाना हो गए हैं। यह 18 दिवसीय उच्च हिमालयी प्रशिक्षण एवं पर्वतारोहण अभियान न केवल साहस और रोमांच से भरपूर होगा, बल्कि यह मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के उस विज़न का हिस्सा है, जिसके तहत वे जनजातीय युवाओं को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाकर वैश्विक पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
जशपुर से हिमालय की चोटियों तक
साजन टोप्पो, संजीव कुजूर, प्रतीक एक्का, मनीष नायक और अजीत लकड़ा—ये पाँचों युवा जनजातीय पृष्ठभूमि से निकलकर हिमालय की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। यह संदेश है कि गाँव और जंगल की मिट्टी से निकले सपने भी दुनिया की सबसे कठिन चोटियों को छू सकते हैं।
मुख्यमंत्री का आशीर्वाद
रवाना होने से पूर्व मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने टीम को शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा—
“जनजातीय युवाओं की ऊर्जा और क्षमता को वैश्विक मंच तक पहुँचाना हमारी प्राथमिकता है।”
इस अभियान को राज्य सरकार और प्रतिष्ठित राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थानों का पूरा सहयोग मिल रहा है।
अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोहियों का साथ
इस यात्रा में स्पेन, अमेरिका और भारत के प्रसिद्ध पर्वतारोही और गाइड शामिल रहेंगे। टीम बर्फीली चोटियों और दुर्गम रास्तों पर चढ़ाई करते हुए नए पर्वतारोहण मार्गों की खोज करेगी। यह अनुभव भविष्य में युवाओं को एडवेंचर स्पोर्ट्स और साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में अवसर दिलाएगा।
संदेश भी, साहस भी
पर्वतारोही इस अभियान के साथ पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ भारत मिशन का संदेश भी लेकर जा रहे हैं। रवाना होने से पहले उन्होंने जशपुर के मधेश्वर धाम में पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया।
यह अभियान केवल हिमालय की चढ़ाई नहीं है, बल्कि यह जनजातीय शक्ति, मुख्यमंत्री के विज़न और पर्यावरणीय जागरूकता का संगम है। आने वाली पीढ़ियों के लिए यह प्रेरणा बनेगा कि यदि हौसले बुलंद हों, तो न केवल हिमालय बल्कि सपनों की हर ऊँचाई को छुआ जा सकता है।

Author: Deepak Mittal
