भाइयों को जेल में देखकर बहनों की आंखें हुई नम,छलक पड़े बहनों की आंखों से आसुं
रतलाम से इमरान खान की रिपोर्ट
रतलाम रक्षाबंधन के दिन रतलाम की सर्किल जेल में सुबह से ही भारी भीड़ देखने को मिली यह भीड़ जेल में बंद कैदियों की बहनों की रही। गौरतलब है कि आज के दिन रक्षाबंधन का पर्व देश दुनिया में बड़े ही धूम धाम से मनाया जा रहा है। आज का दिन भाई बहन के प्रेम को समर्पित है। देश के कोने कोने ओर हर घर में बहन अपने भाइयों को रक्षा का सूत्र बांध कर जीवन भर रक्षा ओर अटूट प्रेम बना रहे ऐसा वचन दिलाता है।
जेल प्रशासन के पुख्ता इंतजाम के बीच मनाया गया रक्षा बंधन का पर्व
जेल में बंद कैदियो के साथ रक्षा बंधन का पर्व मनाने के लिए बहने पहुंची तो उन्हें जेल की पुख्ता इंतजाम देखने को मिला , साथ जेल प्रशासन की उचित व्यवस्थाओं से वह उभर आई ओर जेल प्रशासन का आभार व्यक्त किया , जेल अधीक्षक लक्षण सिंह भदौरिया ने बताया कि सुबह से ही राखी बांधने के लिए बड़ी संख्या में बहनें पहुंची हैं। इसके लिए जेल वार्ड में विशेष व्यवस्था की गई है।
बहनों से मिलवाए जा रहे कैदी भाई तो अपने भाइयों को देख नम हुई बहनों की आंखें
जेल प्रशासन द्वारा उचित व्यवस्थाओं में कैदियों और हवालतियों को उनकी बहनों से मिलवाया गया , ताकि बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सके। एक तरफ तो बहनों को इस बात की खुशी हुई कि वे आज अपने भाई को राखी बांध रही हैं, लेकिन उन्हें इस बात की निराशा भी देखने को मिली है कि उन्हें यह पवित्र दिन जेल में मनाना पड़ रहा है,ऐसा दिन कोई भी बहन देखना नहीं चाहती है
बहनों ने कहा भाई रहे अपराध से दूर ताकि यह दिन नहीं देखन पड़े – : जेल में पहुंची बहनों ने कहा भाइयों को अपराध से दूर रहना चाहिए ताकि राखी बांधने के लिए जेल ना जाना पड़े। राखी बांधने आई बहन ममता शर्मा ने कहा कि युवाओं को अपराध की दुनिया से दूर रहना चाहिए, क्योंकि जो युवा अपराध करने के लिए जेल जाता है, उसके बाद उसका परिवार जेल से भी बदतर जिंदगी जीने को मजबूर होता है, इसलिए युवाओं को अपराध से दूर रहना चाहिए
जेल अधीक्षक लक्ष्मण सिंह भदौरिया ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया
रतलाम सर्किल जेल अधीक्षक लक्ष्मण सिंह भदौरिया ने कहा कि इस पवित्र दिन को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने कैदियों और हवालतियों के लिए विशेष व्यवस्था की है। इस अवसर पर जेल ड्यूटी में लगे कैदियों और हवालतियों को उनकी बहनों से मिलवाया गया है साथ ही कैदियों को बहनों से मिलवाया गया है।
Author: Deepak Mittal









