भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया है। भारतीय सरकारी रिफाइनरी कंपनियां पिछले काफी समय से रूस से तेल खरीद रही थी। रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले बताया है कि रूस द्वारा छूट कम कर दी गई थी।
इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी रूस से तेल नहीं खरीदने की चेतावनी दी थी। जिसके बाद भारतीय सरकारी कंपनियों ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया है।
बता दें कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयात करने वाला देश है। भारत समुद्री मार्ग के जरिए रूस से तेल खरीदने वाला सबसे बड़ा खरीदार है। देश की 4 सरकारी कंपनियां रूस से तेल खरीद रही थीं। जिसमें इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और मैंगलोर रिफाइनरी पेट्रोकेमिकल लिमिटेड शामिल हैं। रॉयटर्स के मुताबिक, ये चारों कंपनियां पिछले हफ्ते से ही रूस से तेल खरीद नहीं रही हैं। डोनाल्ड ट्रंप पिछले काफी समय रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत को चेतावनी दे रहे थे। मामला बढ़ता देख इन सरकारी कंपनियों ने रूस से तेल नहीं खरीदने का फैसला लिया है।
रॉयटर्स का दावा, कंपनियों ने नहीं दिया जवाब
रूस से तेल नहीं खरीदने को लेकर रॉयटर्स ने इन कंपनियों से बात करके उनका पक्ष जानने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। रॉयटर्स का दावा है कि भारत की चारों सरकारी कंपनियों ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया है।
अबू धाबी और वेस्ट अफ्रीकी देशों का किया रुख
रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत की चारों कंपनियां अब तक रूस से तेल खरीद रही थीं। समुद्री रास्ते ये तेल भारत भी पहुंच रहा था, लेकिन अब रूस से तेल नहीं खरीदा जा रहा है। ऐसे में भारतीय सरकारी कंपनियों ने अबू धाबी और वेस्ट अफ्रीकी देशों का रूख किया है।
भारत में हर दिन लगभग 52 लाख बैरल तेल की खपत
भारत की रिलायंस इंडस्ट्रीज और नायरा एनर्जी जैसी निजी रिफाइनरी कंपनियां ज्यादातर तेल रूस से ही खरीदती है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की कुल रिफाइनिंग क्षमता का 60% से ज्यादा हिस्सा सरकारी रिफाइनरी कंपनियों के पास है। भारत में हर दिन लगभग 52 लाख बैरल तेल रिफाइन किया जाता है। अब रूस से तेल खरीदारी बंद होने से इस पर असर पड़ना तय है।
खाड़ी और अफ्रीकी देशों से खरीदारी करने पर पड़ेगा असर
भारत अब खाड़ी और अफ्रीकी देशों से तेल खरीदने की तैयारी कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, बातचीत शुरू कर दी गई है, लेकिन इसका असर सरकारी कंपनियों के मुनाफे पर पड़ेगा। दरअसल, सरकारी कंपनियों को इन देशों से तेल खरीदने पर कम मुनाफा होगा। कंपनियों के अधिकारियों ने सरकार से इस पर बात की है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।
