आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषण आहार में शामिल हुए कोदो-कुटकी

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

डी पी मिश्रा ब्यूरो चीफ बस्तर संभाग नवभारत टाइम्स 247*

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एक अभिनव पहल करते हुए जुलाई 2025 से दंतेवाड़ा जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषण आहार में स्थानीय मोटे अनाज जैसे कोदो और कुटकी को शामिल किया गया है।

इस पहल के तहत 23 जून से 5 जुलाई तक जिला प्रशासन द्वारा निर्माण संस्था के सहयोग से UNICEF और माइक्रो मिलेट कार्यक्रम के अंतर्गत लगभग 830 आंगनबाड़ी केंद्रों की सहायिकाओं को कोदो एवं कुटकी से तैयार पौष्टिक मंडिया भात को बच्चों के आहार में स्वादिष्ट और पोषक रूप में शामिल करने का प्रशिक्षण दिया गया।

प्रशिक्षण में कोदो और कुटकी जैसे मोटे अनाजों की पोषण संबंधी विशेषताओं पर विस्तार से जानकारी दी गई। इन अनाजों में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन तथा फाइबर जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो बच्चों और महिलाओं के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं।

इस कार्यक्रम का संचालन निर्माण संस्था के प्रशिक्षकों नताशा कन्नौजे एवं लक्ष्मी यादव द्वारा किया गया। प्रशिक्षण के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कोदो और कुटकी से बनने वाले पारंपरिक व्यंजनों की विधि भी सिखाई गई, जिसमें आदिवासी समाज में लंबे समय से प्रचलित मंडिया भात प्रमुख रहा। यह व्यंजन 80% चावल और 20% कोदो या कुटकी के मिश्रण से तैयार होता है, जो स्वादिष्ट एवं पौष्टिक भी है।

यह पहल न केवल पोषण सुधार की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि महिलाओं की आजीविका बढ़ाने और स्थानीय कृषि को प्रोत्साहित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

कोदो और कुटकी के सेवन के लाभ:
• ऊर्जा और प्रोटीन का समृद्ध स्रोत
• पाचन को बेहतर बनाए रखने में सहायक
• खून की कमी (एनीमिया) दूर करने में मददगार
• मधुमेह नियंत्रण में उपयोगी
• वजन एवं कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में सहायक
• हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है

दंतेवाड़ा जिले में इस तरह की पहल स्थानीय संसाधनों का समुचित उपयोग, पोषण स्तर में सुधार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में सराहनीय पहल है।

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Comment

Leave a Comment