जे के मिश्र
जिला ब्यूरो चीफ
नवभारत टाइम्स 24*7in बिलासपुर
रतनपुर। केंद्र और राज्य सरकार जहां गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर विकास की नई तस्वीर पेश कर रही है, वहीं NH-45 के निर्माण कार्य में ठेकेदार की लापरवाही ने इस विकास को जलजमाव और जोखिम में बदल दिया है।
सेमरा मोड़ के पास मंजवानी-केंदा मार्ग पर निर्माण कार्य के चलते बनाए गए वैकल्पिक मार्ग में तीन से चार फीट तक पानी भर गया है, जिससे राहगीरों को जान जोखिम में डालकर गुजरना पड़ रहा है। हालात इतने बदतर हैं कि स्कूली बच्चे, बुजुर्ग और दोपहिया वाहन चालक हर दिन इस दलदलनुमा रास्ते से जूझने को मजबूर हैं।
पाइप-पुलिया नहीं, सिर्फ मिट्टी: नियमों को किया दरकिनार
स्थानीय लोगों का कहना है कि वैकल्पिक मार्ग बनाते समय न तो जल निकासी के लिए पाइप डाले गए और न ही कोई पुलिया बनाई गई। सिर्फ मिट्टी डालकर रास्ता बना दिया गया, नतीजा बारिश आते ही सड़क पर तालाब जैसी स्थिति बन गई है।
गिरते-बचते गुजर रहे लोग, ठेकेदार पर भारी नाराजगी
इस अस्थायी रास्ते से हर दिन सैकड़ों लोग गुजरते हैं, जिनमें स्कूली बच्चे, किसान, मजदूर और अन्य कामकाजी लोग शामिल हैं। कई बाइक सवार गिर चुके हैं, और बच्चों को फंसे देखा गया है। स्थानीय लोगों में ठेकेदार की इस लापरवाही को लेकर गहरा आक्रोश है।
रतनपुर क्षेत्र में NH-45 का यह निर्माण कार्य वरदान से ज़्यादा अभिशाप बनता जा रहा है। जिन विकास के सपनों को जनता के सामने रखा गया था, वे अब बारिश के पानी में बहते नजर आ रहे हैं।
