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मॉनसून से पहले तबाही: 5 राज्यों में भारी बारिश से हाहाकार, बादल फटने-बाढ़-भूस्खलन से 14 मौतें

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Deepak Mittal

मॉनसून के पूरी तरह दस्तक देने से पहले ही देश के कई हिस्सों में मौसम ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक बारिश, बादल फटना, भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाओं ने लोगों की ज़िंदगी को मुश्किल में डाल दिया है।

बीते 24 घंटों में देश के 5 राज्यों से तबाही की खबरें सामने आई हैं। इस बीच कुल 14 लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग लापता हैं। सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य हैं – हिमाचल प्रदेश, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश और केरल।

हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से तबाही

पिछले 24 घंटों में हिमाचल प्रदेश में मौसम की मार सबसे अधिक देखने को मिली। राज्य में 3 बादल फटने, 9 अचानक बाढ़ और 3 भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गईं। सबसे अधिक असर कांगड़ा और कुल्लू जिलों में देखने को मिला, जहां 5 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग अब भी लापता हैं। कुल्लू में 3 और कांगड़ा में 6 लोग लापता बताए जा रहे हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए NDRF, SDRF और पुलिस की टीमें मौके पर तैनात हैं। अब तक अलग-अलग इलाकों से 21 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। मौसम विभाग ने 29 जून के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और ऊना, बिलासपुर, सोलन, शिमला, सिरमौर, मंडी समेत कई जिलों में और बारिश के साथ लैंडस्लाइड और फ्लैश फ्लड की आशंका जताई है।

गुजरात में बाढ़ जैसे हालात, पुल बहा

गुजरात में भी भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सूरत में तापी नदी का जलस्तर बढ़ गया है और उसका पानी सड़कों तक आ पहुंचा है। कई इलाकों में खाड़ियों का पानी घरों में घुस गया है जिससे लोगों की आवाजाही प्रभावित हुई है। छोटा उदयपुर जिले में 4 करोड़ रुपये की लागत से बना एक मिनी पुल डायवर्जन पहली ही बारिश में बह गया। वहीं वलसाड में एक गाड़ी बारिश से भरे नाले में बह गई, हालांकि चालक को समय रहते बचा लिया गया। अंबाजी मंदिर परिसर में भी पानी भर गया, जिससे मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

जम्मू-कश्मीर में बादल फटने और बाढ़ से मौतें

जम्मू-कश्मीर के राजौरी, पुंछ, डोडा और कठुआ जिलों में बादल फटने और भारी बारिश की कई घटनाएं सामने आई हैं। इस प्राकृतिक आपदा में दो बच्चों समेत तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 4 अन्य को सुरक्षित बचा लिया गया है। पुंछ, डोडा, उधमपुर और रामबन के ऊंचाई वाले इलाकों में भी फ्लैश फ्लड की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन ने नदियों, झरनों, नालों में नहाने, मछली पकड़ने और घूमने पर रोक लगा दी है और स्कूली पिकनिक पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।

अरुणाचल प्रदेश में बारिश और लैंडस्लाइड ने ली जान

अरुणाचल प्रदेश के बिचोम जिले में भूस्खलन की घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई। साथ ही पचुक नदी में एक अन्य व्यक्ति बह गया। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में अब तक मॉनसून से जुड़ी आपदाओं में कुल 14 लोगों की जान जा चुकी है।

केरल में रेड अलर्ट, जनजीवन प्रभावित

केरल में भारी बारिश ने दक्षिण भारत को भी नहीं छोड़ा। IMD ने इडुक्की, मलप्पुरम और वायनाड जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है जबकि 7 अन्य जिलों में ऑरेंज अलर्ट है। राज्य के निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है और कई स्थानों पर पेड़ उखड़ गए, होर्डिंग गिर गए और बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है। राजधानी समेत अन्य जिलों में सामान्य जनजीवन बाधित हुआ है और सैकड़ों लोग विस्थापित हो गए हैं।

मध्य प्रदेश में भी भारी बारिश का असर

मध्य प्रदेश में भी बारिश का दौर जारी है। गुरुवार को कई जिलों में तेज़ बारिश हुई जिससे सड़कों पर जलभराव हो गया और लोग भारी परेशान हुए। IMD ने अगले 24 घंटे में 5 जिलों में बहुत भारी बारिश और 16 अन्य में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

सरकार और प्रशासन की अपील

देशभर में मौसम विभाग और प्रशासन लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे अनावश्यक रूप से नदियों और जलप्रवाह वाले स्थानों पर न जाएं, पहाड़ी इलाकों में सतर्कता बरतें और मौसम अलर्ट को गंभीरता से लें। बचाव टीमें तैनात हैं लेकिन प्राकृतिक आपदाओं की तीव्रता को देखते हुए सतर्क रहना ही सुरक्षा की पहली शर्त है।

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Author: Deepak Mittal

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