बीजापुर, छत्तीसगढ़ | 18 जून 2025
छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले से एक बार फिर नक्सल हिंसा की दहला देने वाली घटना सामने आई है। नक्सलियों ने ग्राम पेद्दाकोरमा से 12 ग्रामीणों का अपहरण कर लिया, जिनमें से तीन लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई है। बाकी ग्रामीणों के साथ भी क्रूरता से मारपीट की गई है। घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
घटना का विवरण:
जानकारी के मुताबिक, यह घटना बीजापुर थाना क्षेत्र के पेद्दाकोरमा गांव की है। बीती रात नक्सलियों ने गांव में धावा बोलते हुए 12 ग्रामीणों को अगवा कर जंगल की ओर ले गए। वहां उन्होंने तीन ग्रामीणों की हत्या कर दी, जिनकी पहचान जग्गू मोडियाम, अनिल मंडावी और सोमा मोडियाम के रूप में हुई है।
इसके अलावा सात अन्य ग्रामीणों के साथ बेरहमी से मारपीट की गई। नक्सलियों ने उन्हें जंगल में ही छोड़ दिया, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
इलाके में फैली दहशत, पुलिस मौके पर रवाना
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और सुरक्षा बल मौके के लिए रवाना हो गए हैं। बीजापुर एसपी ने घटना की पुष्टि की है और बताया कि इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया जा रहा है। मृतकों के शवों को बरामद करने और घायलों को इलाज के लिए लाने की कार्रवाई की जा रही है।
पृष्ठभूमि: नक्सलियों की दमनकारी सजा प्रणाली
इस तरह की घटनाएं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आए दिन सामने आती रहती हैं, जहां नक्सली स्थानीय लोगों को पुलिस मुखबिरी के शक में निशाना बनाते हैं। हालांकि, कई बार ये आरोप बिना किसी ठोस प्रमाण के होते हैं और निर्दोष ग्रामीणों को अपनी जान गंवानी पड़ती है।
सरकार और प्रशासन पर दबाव
लगातार हो रही नक्सली वारदातों के बीच यह घटना राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है। ग्रामीणों में बढ़ती असुरक्षा की भावना के चलते विश्वास बहाली और सुरक्षा व्यवस्था को और मज़बूत करने की ज़रूरत है।
निष्कर्ष:
बीजापुर की यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि नक्सलवाद अब भी ग्रामीण इलाकों में आतंक का पर्याय बना हुआ है। निर्दोष ग्रामीणों की हत्या ने न सिर्फ शांति व्यवस्था को झकझोरा है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा किया है कि आमजन को सुरक्षा देने में सरकार की रणनीति कितनी प्रभावी है।
जरूरत है कड़ी कार्रवाई, त्वरित न्याय और स्थानीय समुदाय के सहयोग से नक्सलवाद की जड़ पर वार करने की।
