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खुले बाजार में बिका सरकारी चावल, हितग्राही रह गए खाली हाथ

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Deepak Mittal

दीपक मितल, प्रधान संपादक, छत्तीसगढ़
दल्लीराजहरा।
जिस चावल पर लिखा है “केवल सरकारी योजना हेतु”, वह आज खुले बाजारों में ₹30 से ₹35 प्रति किलो तक बिक रहा है — और जिन्हें यह चावल मिलना चाहिए था, वे खाली हाथ घर लौटने को मजबूर हैं। दल्लीराजहरा में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) अब भ्रष्टाचार की ऐसी भेंट चढ़ चुकी है कि गरीबों का हक अमीरों की कमाई का जरिया बन गया है।

“सरकारी चावल दुकानों में नहीं, बाजार में मिल रहा है!”

स्थानीय निवासियों और हितग्राहियों की मानें तो शहर की दो प्रमुख राशन दुकानों में महीनों से नियमित वितरण नहीं हो रहा है। रजिस्टरों में हस्ताक्षर करवा लिए जाते हैं, लेकिन अनाज का एक दाना भी हाथ में नहीं आता।

दूसरी ओर, उसी शासकीय चावल को दल्लीराजहरा की गलियों और बाजारों में खुलेआम ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है। यहां तक कि दोपहिया वाहनों में उसे ले जाते भी देखा गया है — और ये सब शहर की सीसीटीवी निगरानी में हो रहा है।

“हमारे पास राशन कार्ड है, लेकिन चूल्हा खाली है।”
– हितग्राही महिला, वार्ड क्रमांक 5

राजनीतिक संरक्षण और विभागीय चुप्पी ने बढ़ाया घोटाला

स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि यह महज दुकानदारों का खेल नहीं, बल्कि एक संगठित घोटाला है जिसमें कुछ सफेदपोश, राजनीतिक दलों से जुड़े प्रभावशाली लोग और विभागीय अधिकारी भी संलिप्त हैं। सत्ता पक्ष हो या विपक्ष — सब मौन हैं, और यही मौन इस घोटाले को बढ़ावा दे रहा है।

“सीसीटीवी फुटेज की जांच हो तो दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा।”

राशन नहीं, अपमान मिल रहा है: हितग्राही

शहर के अनेक ग्रामीण और शहरी राशन कार्ड धारकों ने आरोप लगाया कि उन्हें 2 से 3 महीने से चावल नहीं मिला है। जब पूछते हैं, तो बहाने मिलते हैं, लेकिन बाजार में वही चावल बिकते देख खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं।

“सरकार ने जो पेट भरने को दिया, वो दलालों की जेब भर रहा है।”

जनता की मांग – हो सख्त कार्रवाई, मिले सजा

दल्लीराजहरा की जनता और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि:

  • सभी उचित मूल्य दुकानों की जांच हो

  • सीसीटीवी फुटेज जब्त किए जाएं

  • खुले बाजार में सरकारी चावल बेचने वालों पर एफआईआर दर्ज हो

  • शिकायतों की समयबद्ध जांच हो और दोषियों को जेल भेजा जाए

  • हितग्राहियों को तत्काल लंबित राशन उपलब्ध कराया जाए

क्या कहते हैं खाद्य विभाग के अधिकारी?

जिला खाद्य अधिकारी तुलसी ठाकुर ने कहा:

“पूर्व में भी ऐसी शिकायत पर कार्रवाई की गई थी। अभी आपके माध्यम से फिर से मामला संज्ञान में आया है। जल्द ही टीम भेजकर सभी उचित मूल्य दुकानों की जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

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