जे के मिश्र
ब्यूरो चीफ
नवभारत टाइम्स 24*7 in बिलासपुर
बिलासपुर। शहर के नामचीन निजी अस्पताल अपोलो में मरीजों की जिंदगी के साथ लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। बिना सही जांच-पड़ताल और आवश्यक दस्तावेजों के एक कथित फर्जी डॉक्टर की नियुक्ति कर अस्पताल प्रबंधन ने चिकित्सा मानकों की गंभीर अनदेखी की है, जिसका परिणाम कई मरीजों की जान गंवाने के रूप में सामने आ चुका है।
CMHO के अनुसार, जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) ने अपोलो प्रबंधन को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में डॉक्टर की शैक्षणिक योग्यता और अनुभव से जुड़े दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही यह भी पूछा गया है कि बिना सत्यापन के डॉक्टर की नियुक्ति किस आधार पर की गई।
कई जानें जा चुकीं, जांच की मांग तेज
बताया जा रहा है कि फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जान खुद को कार्डियोलॉजिस्ट बताता था। पहले भी इसके खिलाफ गंभीर आरोप सामने आ चुके हैं। दमोह में सात और बिलासपुर में आठ मरीजों की मौत से इसका सीधा संबंध बताया गया है। यह आशंका जताई जा रही है कि इस डॉक्टर के कारण और भी कई मरीजों की जान जा सकती है, जिसकी जांच की मांग तेज हो गई है।
पहले भी इलाज में लापरवाही के आरोप
अपोलो अस्पताल पर पहले भी इलाज में अनियमितता और लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं। मरीजों और परिजनों की शिकायत रही है कि समय पर उचित उपचार नहीं मिल पाने की वजह से कई मरीजों की हालत गंभीर हो गई, और कुछ की मौत भी हो चुकी है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से इन मामलों पर पारदर्शिता नहीं बरती गई।
स्वास्थ्य विभाग की साख पर सवाल
इस पूरे घटनाक्रम ने जिला स्वास्थ्य प्रशासन और निजी अस्पतालों की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि स्वास्थ्य विभाग इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाता है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है।
नवभारत टाइम्स 24*7 बिलासपुर आपसे अपील करता है कि यदि आपके पास भी ऐसे किसी अनुभव से जुड़ी जानकारी है तो उसे संबंधित विभाग तक जरूर पहुंचाएं। मरीजों की सुरक्षा सर्वोपरि है और ऐसे मामलों में जिम्मेदार संस्थाओं की जवाबदेही तय करना बेहद जरूरी है।
