जे. के. मिश्र
जिला ब्यूरो चीफ
नवभारत टाइम्स 24*7in बिलासपुर
बिलासपुर/मस्तूरी। जनपद पंचायत मस्तूरी के निरतु गांव में निवर्तमान सरपंच द्वारा जाति बदलकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। गांव की भोली-भाली जनता के विश्वास के साथ खिलवाड़ कर इस जनप्रतिनिधि ने न केवल पंचायत चुनाव में फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया, बल्कि सरकारी सुविधाओं का भी अनुचित लाभ उठाया।
जानकारी के अनुसार, मूल रूप से अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के मुरली मनोहर भील ने 2020 के पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का आरक्षण प्राप्त करने के लिए खुद को मुरली मनोहर बिंद बताकर नामांकन दाखिल किया।
प्रशासन की लापरवाही और दस्तावेजों की जांच में चूक के चलते उन्होंने ओबीसी कोटे में चुनाव लड़ा और सरपंच बन गए। सरपंच पद पर रहते हुए उन्होंने ओबीसी के रूप में अपने कार्यकाल का संचालन किया, लेकिन सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए खुद और अपने परिवार को एसटी श्रेणी में दर्शाया।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सरपंच के रूप में पांच साल तक कार्यरत रहने के बावजूद, सरकारी दस्तावेजों में उनकी जाति अलग-अलग स्थानों पर भिन्न दर्ज रही। योजनाओं का लाभ लेने के लिए उन्होंने अनुसूचित जनजाति की पहचान बनाई, जिससे उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिला। वहीं, चुनावी प्रक्रिया में उन्होंने खुद को ओबीसी दर्शाया।
अब फिर से चुनावी दांव खेलते हुए मुरली मनोहर भील ने अपनी पत्नी कृष्णा बिंद को ओबीसी श्रेणी में चुनावी मैदान में उतार दिया है। इस बार ग्रामीणों ने इस फर्जीवाड़े को लेकर विरोध जताया है और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि वे अब इस तरह की धोखाधड़ी को बर्दाश्त नहीं करेंगे और यदि प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे।
इस पूरे मामले ने प्रशासनिक मशीनरी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर इतने वर्षों तक यह गड़बड़ी प्रशासन की नजरों से कैसे बची? क्या यह मात्र लापरवाही थी या फिर इसमें कोई मिलीभगत भी थी? ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस धोखाधड़ी की गहराई से जांच की जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
यह मामला सिर्फ एक पंचायत तक सीमित नहीं है, बल्कि सरकारी तंत्र की कमजोरियों को उजागर करता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है और क्या जनता को इस बार न्याय मिल पाता है?

Author: Deepak Mittal
