अपने ऐतिहासिक महत्व को समेटे बिलासपुर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास योजना के तहत बदल रही तस्वीर

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

अपने ऐतिहासिक महत्व को समेटे बिलासपुर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास योजना के तहत बदल रही तस्वीर
यात्री केंद्रित सुविधाओं का किया जा रहा उन्नयन एवं आधुनिकीकरण
बिलासपुर: हावड़ा – मुम्बई ट्रंक लाइन में स्थित बिलासपुर रेलवे स्टेशन, छत्तीसगढ़ राज्य के गौरव  का प्रतीक है । भारतीय रेलवे के दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे जोन का मुख्यालय स्टेशन बिलासपुर, अपनी ऐतिहासिक धरोहर और आधुनिक विकास की कहानी को साथ लेकर चलता है। बिलासपुर रेलवे स्टेशन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी भी समय के साथ साथ अपने विकास को समेटे हुए है। बिलासपुर रेलवे स्टेशन की स्थापना 19वीं सदी में हुई थी। यह स्टेशन न केवल क्षेत्रीय व्यापार और आवागमन का केंद्र बना, बल्कि औद्योगिक और सामाजिक विकास का भी गवाह रहा।
बंगाल – नागपुर रेलवे के दौरान लगभग वर्ष 1889 में पहली बार इस स्टेशन से गाड़ियां चलाई गईं। यह स्टेशन न सिर्फ कोल परिवहन के लिए महत्वपूर्ण केंद्र रहा है बल्कि इससे इसके आसपास क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी हमेशा काफी बल मिला है।
बिलासपुर रेलवे स्टेशन ने समय के साथ यात्रियों के लिए अपनी सेवाओं में निरंतर सुधार किया। विकास के इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए बिलासपुर रेलवे स्टेशन को स्टेशन पुनर्विकास योजना के अंतर्गत  विश्वस्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित करने के लिए लगभग 392 करोड़ रुपए की लागत से पुनर्विकास परियोजना पर कार्य शुरू हो चुका है। इस योजना के तहत यात्रियों के लिए अत्याधुनिक सेवाएं और सुरक्षित एवं पर्यावरण-अनुकूल परिवेश प्रदान किया जाएगा।
इसके अंतर्गत नए डिज़ाइन व आधुनिक वास्तुकला का उदाहरण, प्लेटफॉर्मों का विस्तार और यात्री सुविधाओं में वृद्धि, यात्री-अनुकूल सुविधाएँ जिसमें हाई-स्पीड वाई-फाई, बैठने की आरामदायक व्यवस्था, वातानुकूलित प्रतीक्षालय और अत्याधुनिक शौचालय, दिव्यांग फ्रेंडली विशेष सुविधाएँ उपलब्ध कराए जाएंगे।
पर्यावरण अनुकूल पहल के अंतर्गत सौर ऊर्जा का उपयोग, हरित परिवेश और ऊर्जा दक्षता पर जोर तथा सुरक्षा और डिजिटल समाधान के अंतर्गत सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, ऑटोमेटिक टिकटिंग और आधुनिक यात्री सूचना प्रणाली शामिल होंगे । इसके साथ ही इस स्टेशन को व्यावसायिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें स्टेशन पर शॉपिंग और फूड कोर्ट के साथ – साथ स्थानीय सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने वाले क्षेत्र समाहित होंगे ।
बिलासपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास में मुख्य रूप से आने वाले समय में दीर्घकालिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर काँन्कोर्स में एकसाथ लगभग 800 यात्रियों के बैठने के लिए वेटिंग एरिया का प्रावधान, 1150 से अधिक वाहनों के लिए लगभग 28 हजार वर्ग मीटर पार्किंग एरिया का प्रावधान, बेहतर भीड़ प्रबंधन हेतु स्टेशन में प्रवेश एवं निकास के अलग-अलग मार्ग का प्रावधान, 03 नए फुट चौड़े ओवरब्रिज का प्रावधान किया गया है जिसमें दो स्टेशन प्रवेश के लिए तथा एक स्टेशन से निकास के लिए होगा ।  6051 वर्ग मीटर का काँन्कोर्स का प्रावधान किया गया है, जिसमें 1700 वर्ग मीटर का कमर्शियल एरिया होगा, जिसमें व्यवसायिक प्रतिष्ठान एवं दुकाने होगी । बुजुर्गों तथा दिव्याङ्ग यात्रियों की विशेष सुविधा के लिए 30 लिफ्ट एवं 22 एस्केलेटर बनाए जाएंगे जिससे यात्रियों को एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म जाने में आसानी होगी । पार्सल सर्विस मूवमेंट को यात्री आवागमन एरिया से अलग रखा जाएगा जिससे यात्रियों को असुविधा न हो ।
पर्यावरण संरक्षण के लिए क्लीन एनर्जी के महत्व को रेखांकित करते हुए स्टेशन की छतों पर 20500 वर्ग मीटर में 1200 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया जाएगा । जल संरक्षण के दृष्टिगत स्टेशन भवन के 16 पिट्स में 97 हजार लीटर क्षमता के रेन वाटर हार्वेस्टिंग व इमरजेंसी पावर बैक-अप के साथ फायर फाइटिंग स्थापित किए जाएंगे । यात्रियों को दी जाने वाली जरूरी सुविधाओं में खान-पान, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट, वॉशरूम, कवर शेड, स्टैंडर्ड साइनेज तथा दिव्यांगजन फ्रेंडली सुविधाएं आदि शामिल है ।
बिलासपुर स्टेशन को विश्वस्तरीय रूप देते हुए ग्रीन स्टेशन का रूप दिया जा रहा है, जहां प्राकृतिक रौशनी और वेंटिलेशन का प्रावधान होगा । पुनर्विकास के बाद बिलासपुर स्टेशन हाईटेक यात्री सुविधाओं के साथ टेक्नोलॉजी, स्थानीय संस्कृति और समृद्ध विरासत का आकर्षक केंद्र बनेगा । यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ रोजगार बढ़ने की व्यापक संभावना विकसित होगी जिसका लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा । यह स्टेशन इस क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ व्यापार एवं पर्यटन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी । बिलासपुर स्टेशन के पुनर्विकास का उद्देश्य बिलासपुर रेलवे स्टेशन को न केवल एक यात्रा केंद्र, बल्कि एक मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के रूप में भी विकसित करना है। यह परियोजना “आत्मनिर्भर भारत” और “मेक इन इंडिया” अभियानों को भी मजबूती प्रदान करेगी।
बिलासपुर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास इसकी गौरवशाली विरासत को सहेजते हुए इसे भविष्य के लिए तैयार करेगा। यह परियोजना स्थानीय नागरिकों, व्यापारिक समुदाय और यात्रियों के लिए अत्यधिक लाभकारी सिद्ध होगी।

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *