CGPSC 2023 में ऐतिहासिक बदलाव: पारदर्शिता सुनिश्चित करने पहली बार अलग-अलग शिक्षकों ने किया हर सवाल का मूल्यांकन, एक कॉपी 300 से अधिक शिक्षकों ने की चेक

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Deepak Mittal

रायपुर। पिछली सरकार में आयोजित राज्य प्रशासनिक सेवा परीक्षा में हुई धांधली ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया। राज्य गठन के बाद पहली बार ऐसा हुआ जब PSC के चैयरमेन को गिरफ्तार किया गया। आने वाले समय में CGPSC 2021 परीक्षा में हुई गड़बड़ियों को लेकर और भी बड़ी कार्रवाईयां होने की आशंका जताई जा रही है। सीबीआई की जांच की आंच कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों तक पहुंचेगी ऐसी पूरी संभावना है।

हालांकि, प्रदेश की साय सरकार इन सब के बीच इस प्रतिष्ठित परीक्षा की साख वापस लाने की दिशा में कई ऐतिहासिक बदलाव किये हैं। प्रदेश के लाखों युवाओं के भविष्य से खेलने वाले पीएससी घोटाले के आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के वादे के साथ सत्ता में आई साय सरकार ने पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने CGPSC 2023 में ऐतिहासिक बदलाव किये है। रिपोर्ट के मुताबिक़ पहली बार अलग-अलग शिक्षकों ने किया हर सवाल का मूल्यांकन किया है। पहली बार ऐसी व्यवस्था की गई जब प्रत्येक उत्तर पुस्तिका का एक सवाल एक ही शिक्षक ने जांचा। मेंस में हर अभ्यर्थी की कॉपी 300 से अधिक शिक्षकों ने चेक किये।

पहली कैसी थी व्यवस्था

बता दें कि, पहले मुख्य परीक्षा की कॉपियां भाग वार जंचती थी। पहले एक शिक्षक पर्चे का एक भाग जांचते थे। इसे लेकर विवाद की स्थिति भी बनती थी। पीएससी 2022 के मूल्यांकन को लेकर अभ्यर्थियों ने सवाल भी उठाए थे। उनका कहना था कि एक जैसे जवाब लिखने पर भी किसी को ज्यादा तो किसी को कम नंबर दिए गए।

लेकिन इस बार मूल्यांकन का सिस्टम बदला गया। अधिकारियों का कहना है कि राज्य सेवा परीक्षा ही नहीं पीएससी से होने वाली कोई भी परीक्षा जिसमें मुख्य परीक्षा होगी, उसमें कॉपियां का मूल्यांकन प्रश्नवार होगा। गौरतलब है कि पिछली राज्य सेवा परीक्षा विवादों में रही है। इस मामले में जांच भी चल रही है। इस बार की परीक्षा यानी राज्य सेवा परीक्षा 2023 विवादों से परे हो, इसे लेकर सिस्टम में काफी बदलाव किया गया।

किस बोर्ड में इंटरव्यू, खुद अभ्यर्थियों ने निकाली लॉटरी

पीएससी 2023 के इंटरव्यू के लिए लॉटरी की प्रक्रिया में बदलाव किया गया। इस बार बोर्ड सदस्य, एक्सपर्ट के साथ ही अभ्यर्थियों के लिए भी लॉटरी निकाली गई। यह कैंडिडेट के माध्यम से ही निकाली गई। उदाहरण के लिए प्रतिदिन इंटरव्यू के एक घंटे पहले लॉटरी होता था। इसके लिए अभ्यर्थी स्वय अपनी पर्ची बनाते थे, इसमें नाम और रोल नंबर रहता था। इस पर्ची को वे बॉक्स में डालते थे।

कैसे तय की नई व्यवस्था ?

जानकारी के मुताबिक सीजीपीएससी में अधिकारी यूपीएससी की प्रक्रियाओं, गतिविधियों और उसके बेस्ट प्रैक्टिस का अध्ययन करने के लिए दिल्ली गए। इसके अलावा एमपीपीएससी और ओडिशा पीएससी का भी दौरा किया। उसके बेस्ट प्रैक्टिसेस को जाना। तमिलनाडु और महाराष्ट्र पीएससी से भी कई तरह की जानकारियां ली। अधिकारियों का कहना है कि पीएससी में सुधार के लिए आगे भी बदलाव होंगे।

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Author: Deepak Mittal

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