रिलायंस फाउंडेशन और यूएन इंडिया के सम्मेलन में तटीय आपदाओं पर विशेषज्ञों ने किया मंथन

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रिलायंस फाउंडेशन और संयुक्त राष्ट्र (इंडिया) ने ओडिशा में तटीय आपदाओं पर एक महत्वपूर्ण सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन का उद्देश्य तटीय पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा और आपदाओं से निपटने के लिए प्रभावी प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों को सुदृढ़ करना था। सम्मेलन में विभिन्न राज्यों और ग्लोबल साउथ देशों के विशेषज्ञों ने भाग लिया और आपदाओं के दौरान त्वरित कार्रवाई और आपदा प्रबंधन पर अपने अनुभव साझा किए।

इस अवसर पर ओडिशा के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने उद्घाटन संबोधन में कहा, “हम प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों को मजबूती से लागू करने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ओडिशा सरकार प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।”

रिलायंस फाउंडेशन के सीईओ, जगन्नाथ कुमार ने जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न संकटों के बारे में बात करते हुए कहा, “जलवायु परिवर्तन के कारण आपदाओं की तीव्रता और आवृत्ति में वृद्धि हो रही है। हम त्वरित और सटीक चेतावनी प्रणालियों को लागू कर समुदायों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं।”

संयुक्त राष्ट्र के भारत में स्थानीय समन्वयक, शोंबी शार्प ने कहा, “यह सम्मेलन डीआरआर (आपदा जोखिम न्यूनीकरण) पर आयोजित बैठकों की श्रृंखला की शुरुआत है। हम सरकार, सिविल सोसायटी और रिलायंस फाउंडेशन जैसे साझेदारों के साथ मिलकर सामुदायिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं।”

सम्मेलन में विशेषज्ञों ने मौजूदा चेतावनी प्रणालियों की समीक्षा की और उनमें सुधार के उपायों पर चर्चा की। एकीकृत चेतावनी प्रणालियों को बनाने के लिए मौसम संबंधी डेटा और सामाजिक-जनसांख्यिकीय जानकारी को जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया गया। साथ ही, बालासोर और भद्रक जिलों में किए गए कामों का अवलोकन भी किया गया।

इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य तटीय क्षेत्रों में जीवन और आजीविका की सुरक्षा को बढ़ावा देना और बेहतर नीतिगत परिणामों की दिशा में काम करना था।

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Author: Deepak Mittal

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