जे के मिश्र / छत्तीसगढ़ में दिव्यांग कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। हाईकोर्ट बिलासपुर ने राज्य सरकार को दिव्यांग कर्मचारियों से संबंधित एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। इस आदेश में कहा गया है कि प्रदेश के सभी विभागों में कार्यरत दिव्यांग अधिकारियों और कर्मचारियों की पदस्थापना और स्थानांतरण के लिए विशेष नीति बनाई जाए।
कोर्ट ने दी राज्य आयुक्त की नियुक्ति का आदेश
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत राज्य आयुक्त की नियुक्ति की जानी चाहिए। इसके साथ ही राज्य सरकार को निर्देश दिया गया है कि दिव्यांग कर्मचारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के दौरान उनके अधिकारों का पूरा संरक्षण किया जाए, ताकि उन्हें उनके कामकाज में किसी भी तरह की असुविधा न हो।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला
इस मामले में सुनवाई कर रहे जस्टिस पीपी साहू की एकलपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व में दिए गए आदेश का हवाला देते हुए राज्य सरकार को दिव्यांग अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए नीति बनाने का आदेश जारी किया। साथ ही, अदालत ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को उनके स्थानांतरण के दौरान उनकी सुविधाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए।
दिव्यांगों की परेशानियों को ध्यान में रखने का निर्देश
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि दिव्यांग कर्मचारियों की मुश्किलों को ध्यान में रखते हुए उन्हें उनकी पसंदीदा जगहों पर पदस्थ किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी इस संबंध में निर्देश जारी किए थे कि दिव्यांग कर्मचारियों को ऐसी जगहों पर पदस्थापित किया जाए, जहां से वे आसानी से अपने काम तक पहुंच सकें। यह आदेश 20 जुलाई 2000 को सभी राज्यों के लिए जारी किया गया था।
दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधाएं
कोर्ट के आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि दिव्यांग कर्मचारियों के वर्कप्लेस पर उन्हें विशेष सुविधाएं दी जाएं, ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो। साथ ही, सरकार यह सुनिश्चित करे कि उनके कामकाज में कोई बाधा न आए।
घर के नजदीक पोस्टिंग पर जोर
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि दिव्यांग कर्मचारियों को उनकी पोस्टिंग ऐसी जगहों पर दी जाए, जहां से उनकी यात्रा सुगम हो और उन्हें उनके घर के पास ही पदस्थ किया जाए। सरकारी आदेश के अनुसार, दिव्यांग कर्मचारियों को इस प्रकार की सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता।
संघर्ष की कहानी
यह मामला तब सामने आया जब बेमेतरा नगर पालिका के सहायक राजस्व निरीक्षक (RSI) का तबादला किया गया था। इसके बाद यह मुद्दा कोर्ट में पहुंचा, और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस पर विचार किया।
कोर्ट ने कैसे जारी किया आदेश
जस्टिस पीपी साहू ने याचिकाकर्ता के पक्ष में आदेश जारी करते हुए कहा कि राज्य सरकार को दिव्यांग कर्मचारियों की ट्रांसफर नीति पर ध्यान देना होगा और उचित कदम उठाने होंगे। याचिकाकर्ता को नगर पालिका परिषद बेमेतरा में काम करने की अनुमति दी गई है, और सचिव नगरीय प्रशासन को 10 दिनों के भीतर याचिकाकर्ता के दस्तावेजों पर विचार कर निर्णय लेना होगा।
इस आदेश के बाद राज्य के दिव्यांग कर्मचारियों को एक बड़ी राहत मिलने की संभावना है, जो उनके लिए कामकाजी जीवन को आसान बना सकती है।
