बिलासपुर: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में मस्तूरी विकासखंड, जिला बिलासपुर के 10 शिक्षकों के पक्ष में निर्णय देते हुए उन्हें 10 वर्ष की सेवा के बाद समयमान वेतनमान का लाभ देने का आदेश दिया है।
यह फैसला शिक्षकों द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ताओं अब्दुल वहाब खान, डॉ. नीलकमल गर्ग, अब्दुल मोइन खान, और अभिषेक डहरिया के माध्यम से दायर की गई याचिका पर आया है।
इन 10 शिक्षकों को 10 साल की सेवा के उपरांत भी प्रथम और द्वितीय क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान का लाभ नहीं मिल पाया था।
याचिका पर सुनवाई के बाद, न्यायालय ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, रायपुर और जिला शिक्षा अधिकारी, बिलासपुर को आदेश दिया है कि इन शिक्षकों को चार महीने के भीतर समयमान वेतनमान का लाभ प्रदान किया जाए।
इस फैसले से राज्य के लगभग 50,000 शिक्षकों को सीधे लाभ होगा। इसके साथ ही, राज्य के अन्य विभागों के अधिकारी और कर्मचारी जो 10, 20 और 30 साल की सेवा कर चुके हैं।
उन्हें भी इस निर्णय के तहत क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ मिलेगा। जो शासकीय सेवक 1 जनवरी 2006 से इस त्रिस्तरीय लाभ से वंचित रहे हैं, उनकी भी बल्ले-बल्ले होने वाली है।
अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस ऐतिहासिक फैसले के बाद खुशी जाहिर की और उच्च न्यायालय का धन्यवाद व्यक्त किया। फैसले के बाद, पीड़ित शासकीय सेवक अधिक जानकारी के लिए अधिवक्ता टीम से मोबाइल या व्हाट्सएप नंबर 98274 95799, 98935 30132 पर संपर्क कर सकते हैं या सीएमडी कॉलेज बिलासपुर के सामने स्थित कार्यालय में मिल सकते हैं।
Author: Deepak Mittal









