पुराने धार्मिक स्थल की सड़कों की खस्ताहाल, प्रशासन की अनदेखी से जनता परेशान

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(जे के मिश्र ) बिलासपुर – नगर निगम क्षेत्र में धार्मिक और पौराणिक स्थलों को जोड़ने वाले प्रमुख मार्गों की दुर्दशा से स्थानीय निवासी परेशान हैं। विकास और जीर्णोद्धार की योजनाओं के बावजूद, प्रशासन की लापरवाही से बुनियादी सुविधाओं का अभाव हो गया है। चौखंडी, जिसे प्राचीन तिराहे के नाम से जाना जाता है और वार्ड नंबर 2 में स्थित है, अब जर्जर हालत में है। यह इलाका पहले विकास का केंद्र था, लेकिन आज यहां की सड़कें और सुविधाएं बदहाल हो चुकी हैं।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि वे कई बार प्रशासन को शिकायतें दे चुके हैं, लेकिन उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं हुआ। सैकड़ों पत्र और शिकायतें भेजी गईं हैं, मगर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। ऐसा प्रतीत होता है कि इस धार्मिक स्थल से जुड़े प्रमुख मार्गों की स्थिति से प्रशासन बिल्कुल अनजान है। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, और सिविल कार्यालय जैसी सुविधाएं भी यहां उपलब्ध नहीं हैं। ग्रामीण इलाकों की समस्याओं को भी अनदेखा किया जा रहा है।

खस्ताहाल सड़कों से जनता बेहाल

चौखंडी से 13 किलोमीटर की दूरी तक फैले पुराने धार्मिक मार्ग की स्थिति अत्यंत खतरनाक हो चुकी है। जगह-जगह गड्ढे और टूटी सड़कों ने आवागमन को मुश्किल बना दिया है। पिछले तीन वर्षों से इन सड़कों की कोई मरम्मत नहीं की गई है, जिसके चलते स्थानीय लोग अब आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। प्रशासन की इस अनदेखी से लोग बेहद आक्रोशित हैं।

इतिहासकारों ने दी चेतावनी

स्थानीय इतिहासकारों का कहना है कि यह प्राचीन मार्ग कभी प्रमुख धार्मिक स्थानों तक पहुंचने का साधन हुआ करता था, लेकिन अब इसकी हालत इतनी दयनीय हो चुकी है कि यातायात रुक गया है। इस सड़क पर बने गड्ढे और जर्जर स्थिति ने यहां के व्यापारियों को भी परेशान कर रखा है। दुकानदारों का कहना है कि सड़कों की मरम्मत बेहद जरूरी है, नहीं तो पर्यटकों की आमद पर भी इसका असर पड़ेगा।

खतरनाक हो चुकी सड़कों पर बढ़ रहा है खतरा

सड़कों की स्थिति इतनी बदतर हो चुकी है कि यहां से गुजरने वाले यात्रियों के लिए यह खतरनाक साबित हो रहा है। गड्ढों से भरी सड़कों पर दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है, और प्रशासन की उदासीनता के चलते इस समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया है। स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही प्रशासन इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाएगा ताकि इस प्राचीन धार्मिक स्थल की गरिमा और यहां के लोगों की समस्याओं का समाधान हो सके।

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Author: Deepak Mittal

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