सिंगल यूज प्लास्टिक को रोकने के लिए शुरू हुआ बर्तन बैंक

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

 

(जे के मिश्र ) बिलासपुर। अब कुछ नए और बेहतर विचारधारा वाले लोग इसे समाज और पर्यावरण के हित में भी इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी दिशा में बिलासपुर की सामाजिक संस्था विश्वाधारम ने एक नई पहल के तहत बर्तन बैंक शुरू किया है, जिससे सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को कम किया जा सके और पर्यावरण को संरक्षित किया जा सके।

निशुल्क बर्तन बैंक की सेवा

संस्था द्वारा चलाई जा रही इस सेवा का मुख्य उद्देश्य सामाजिक और धार्मिक आयोजनों में सिंगल यूज प्लास्टिक की जगह बर्तनों का इस्तेमाल करना है। अक्सर देखा गया है कि बड़े आयोजनों में खाना और पानी परोसने के लिए प्लास्टिक की प्लेट, कप और बर्तन का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान होता है। विश्वाधारम ने इस समस्या को ध्यान में रखते हुए यह पहल शुरू की, जिसमें हर तरह के बर्तन निशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

 

सामाजिक और धार्मिक आयोजनों में मदद

संस्था के अध्यक्ष चंद्रकांत साहू ने बताया कि इस सेवा का लाभ बिलासपुर संभाग में निशुल्क प्रदान किया जा रहा है। अब तक 30 से अधिक बड़े आयोजनों में संस्था ने अपनी बर्तन सेवा उपलब्ध कराई है, जिससे सैकड़ों किलो सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग रोका गया है।

 

पहला निशुल्क बर्तन बैंक

यह बिलासपुर संभाग का पहला निशुल्क बर्तन बैंक है, जो मई महीने से संचालित हो रहा है। इस सेवा का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है, और यह अब आसपास के क्षेत्रों तक भी फैल चुकी है। संस्था के अनुसार, बर्तन बैंक ने शहर के करीब 14190 लोगों तक अपनी सेवाएं पहुंचाई हैं।

 

दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंचा सेवा का दायरा

संस्था ने पिछले महीने गिरौधपुरी धाम जैसे 130 किलोमीटर दूर स्थित स्थान पर भी अपनी सेवाएं दी हैं। वहां एक दशगात्र कार्यक्रम के लिए बर्तन सेवा उपलब्ध कराई गई। इसके अलावा, जगशाला आश्रम (पौंसरा) में आयोजित भंडारे में 1100 से ज्यादा लोगों ने बर्तन बैंक से उपलब्ध बर्तनों से भोजन ग्रहण किया।

 

कैसे उठा सकते हैं सेवा का लाभ

इस बर्तन बैंक का लाभ कोई भी व्यक्ति निशुल्क उठा सकता है। सेवा लेने के लिए सिर्फ यह शर्त है कि आयोजन में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करना होगा। इस सेवा का लाभ उठाने के लिए आप 9827767903 पर संपर्क कर सकते हैं।

 

संस्था प्रमुख ने बताया कि छोटे आयोजनों में लोग प्लास्टिक और थर्माकोल के बर्तन उपयोग करते हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। बर्तन बैंक के माध्यम से नो प्लास्टिक मिशन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *