(निर्मल अग्रवाल) : मुंगेली- मुंगेली जिले के विकासखण्ड पथरिया अंतर्गत शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बदरा ब से उक्त मामला प्रकाश में आया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह स्कूल जिस भवन में संचालित हो रहा है वह भवन काफी पुराना है जिसका निर्माण लगभग 25 वर्षो पूर्व 1998/99 में हुआ था। भवन पुराना होने के कारण इसके छत जर्जर हो चुके हैं जंहा बारिश के दिनों में पानी टपकते रहता है।
कारणवश कक्षा में पानी भर जाने से बच्चों के लिए बैठने की भी जगह नही बचती जिससे कि उनका अध्यापन कार्य प्रभावित होता है।
उक्त विद्यालय परिसर का नज़ारा तो मानो तालाब जैसे प्रतीत होता है। जिसके चलते आवाजाही में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है । स्कूल के अध्यापकों से मिली शिक्षा ‘जंहा चाह वंहा राह’ के ध्येय अपने अध्यापन कार्य को अनवरत रखने बच्चे इस स्थिति में स्कूल तो आते है परंतु काफी बार बच्चे फिसल गर गिर जाते है जिससे उन्हें चोंट लगने का भी भय बना रहता है।
परिसर के तलाबनुमा हो जाने से मध्यान्ह भोजन का कार्य भी काफी हद तक प्रभावित होता है।
इस समस्या को लेकर प्रधान पाठक और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है । परंतु अभी तक इस समस्या का कोई समाधान नही हो पाया है। मुंगेली जिले के अधिकांश स्कूलों की स्थिति काफी खराब है जंहा इस तरह की समस्याएं आम होने लगी है । स्कूल जतन योजना सिर्फ लब्जों में नज़र आती है और शिक्षा की व्यवस्था कोरे कागज पर। कुम्भकर्णीय निंद्रा में व्याप्त उच्चाधिकारियों द्वारा समस्या का संज्ञान होने के बावजूद उसका निराकरण न करना समझ से परे है।




















































