देश भर के करीब 50 लाख सरकारी कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने 8th Pay Commission को आधिकारिक तौर पर मंज़ूरी दे दी है, जिसके बाद वेतन और पेंशन में ज़बरदस्त वृद्धि की उम्मीद जगी है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक यह आयोग अगले 18 महीने के भीतर अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपेगा। नया वेतनमान 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है, जो 2016 से लागू 7वें वेतन आयोग की जगह लेगा।

कर्मचारियों को कितना मिल सकता है फायदा?
कर्मचारियों को उम्मीद है कि 8वें वेतन आयोग के तहत उनके वेतन में बड़ी वृद्धि होगी।
- न्यूनतम मूल वेतन: अनुमान है कि न्यूनतम मूल वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹44,000 तक हो सकता है।
- फिटमेंट फैक्टर: 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर लगभग 2.46 गुना अनुमानित है। इसका सीधा मतलब है कि नया वेतन वर्तमान मूल वेतन का लगभग ढाई गुना हो सकता है।

अगर लागू होने में देरी हुई तो क्या होगा?
कर्मचारियों को एक और बड़ी राहत यह है कि अगर आयोग की सिफारिशें लागू होने में 6 महीने की देरी भी होती है, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है।
सरकार इस देरी के कारण बनी बकाया राशि का एक साथ भुगतान करेगी। इसका मतलब है कि अगर वेतन वृद्धि 1 जनवरी 2026 से ही प्रभावी मानी जाएगी और जितने महीनों की देरी होगी, उन महीनों के वेतन का अंतर एक साथ जमा कर दिया जाएगा।
ऐसे होगी बकाया राशि की कैलकुलेशन (उदाहरण):
मान लीजिए किसी कर्मचारी का मूल वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹44,000 हो जाता है, जिससे हर महीने ₹26,000 की वृद्धि होती है। यदि इसे लागू करने में 6 महीने की देरी होती है, तो बकाया राशि कुछ इस प्रकार होगी:
बकाया राशि = ₹26,000 X 6 = ₹1,56,000
कर्मचारी को एक साथ ₹1.56 लाख का भुगतान मिल सकता है। वास्तविक राशि कर्मचारी के वेतन स्तर और लागू फिटमेंट कारक पर निर्भर करेगी।
Author: Deepak Mittal









