सारंगढ़-बिलाईगढ़। ग्राम मलूहा के पाँच किसानों की 25 वर्षों की लंबी और थकाऊ लड़ाई आखिरकार रंग लाई, जब जिला कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे की सक्रिय पहल पर उन्हें ₹88 लाख से अधिक का मुआवजा मिला। यह मुआवजा अपर सोनिया जलाशय के डूबान क्षेत्र में गई उनकी ज़मीन के बदले दिया गया है।
इन किसानों ने अपनी जमीन के बदले मुआवज़े के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर धरना-प्रदर्शन और भूख हड़ताल तक का सहारा लिया। लेकिन व्यवस्था की फाइलों में यह केस जिला-दर-जिला घूमता रहा – पहले रायपुर, फिर बलौदाबाजार और अब सारंगढ़-बिलाईगढ़ तक।
लेकिन बदलाव आया 28 अप्रैल 2025 को, जब डॉ. संजय कन्नौजे ने सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में कलेक्टर का पदभार ग्रहण किया। उन्हें जैसे ही मामले की जानकारी मिली, उन्होंने सप्ताह दर सप्ताह मॉनिटरिंग शुरू की और सिंचाई विभाग व SDM बिलाईगढ़ से रिपोर्ट्स मंगाकर तत्काल कार्रवाई शुरू की।
इन किसानों को मिला न्याय:
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गंगाधर नाई
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सरकार, परदेशी, रामानुज (चंद्रा परिवार)
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शांति और घसनीन (चंद्रा परिवार की बहनें)
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सहोद्राबाई (बुआ)
88 लाख 19 हजार 592 रुपए का मुआवजा चेक के माध्यम से जनपद पंचायत बिलाईगढ़ में वितरित किया गया। इस मौके पर किसान सहोद्राबाई भावुक हो गईं। उन्होंने बताया कि वो वर्षों से बीमार हैं और अब इस पैसे से अपना इलाज करा पाएंगी और भतीजों से लिया गया कर्ज भी चुका देंगी।
25 साल पुराना केस, 4 महीने में हुआ क्लोज
यह केस इस बात का उदाहरण है कि जब प्रशासन संवेदनशील हो और अफसर ईमानदार इच्छाशक्ति से काम करें, तो न्याय को रोका नहीं जा सकता।

Author: Deepak Mittal
