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सब्जी और खाने-पीने की चीजों ने आम आदमी को पूरे साल किया परेशान, जानें कितनी कीमतें

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Deepak Mittal

Look Back 2024: साल 2024 भारत के आम उपभोक्ताओं के लिए काफी महंगा साबित हुआ. पूरे साल के दौरान रोजमर्रा की चीजों के दाम काफी तेजी से बढ़े. खासकर, सब्जियां और खाने-पीने की चीजें अधिक महंगी हुईं. महंगाई दर भी उछाल आया. चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी पर आर्थिक सर्वे 2023-24 में भी टिप्पणी की गई. साल 2024 के दौरान भारत में विभिन्न वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा गया, जो वैश्विक और घरेलू कारकों के प्रभाव का नतीजा था. इनमें से कुछ वस्तुओं के दाम बढ़े, जबकि कुछ की कीमतों में गिरावट आई. आइए, जानते हैं कि किन-किन चीजों के दाम कितने बढ़े.

सब्जी की कीमतों ने पूरे साल किया परेशान

हिंदी की वेबसाइट नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 के दौरान भारत में सब्जियों की कीमतों में जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिससे उपभोक्ताओं को महंगाई का सामना करना पड़ा. अक्टूबर 2024 में सब्जियों की थोक महंगाई दर 63.04% तक पहुंच गई, जो सितंबर में 48.7% थी. आलू की थोक महंगाई दर अक्टूबर में 78.7% रही, जबकि प्याज की महंगाई दर सितंबर के 78.8% से घटकर अक्टूबर में 39.25% पर आ गई. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट में आर्थिक सर्वे 2023-24 के हवाले से कहा गया है, ”इसी अवधि में सब्जियों की कीमतों ने कुल महंगाई में 30.6% का योगदान दिया, जबकि पिछले वर्ष यह योगदान मात्र 7.3% था. दालों की कीमतों का योगदान भी 2.2% से बढ़कर 11.9% हो गया.”

नवरात्रि में आसमान पर सब्जी के दाम

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि नवरात्रि 2024 के दौरान दिल्ली के बाजारों में सब्जियों के खुदरा दामों में भी वृद्धि देखी गई. आलू 40-50 रुपये प्रति किलो, प्याज 60-70 रुपये प्रति किलो, भिंडी 70 रुपये प्रति किलो, बैंगन 80 रुपये प्रति किलो, गोभी 100 रुपये प्रति किलो, शिमला मिर्च 120 रुपये प्रति किलो, और फ्रेंच बीन्स 120 रुपये प्रति किलो बिक रहे थे. इन बढ़ती कीमतों के पीछे मुख्य कारण प्रतिकूल मौसम की स्थिति, सप्लाई चेन में व्यवधान और फसलों को हुए नुकसान थे, जिससे सब्जियों की उपलब्धता प्रभावित हुई और कीमतों में वृद्धि हुई.

साल 2024 में महंगी हुईं ये वस्तुएं

  • खाद्य पदार्थ: प्रेस इन्फॉर्मेंशन ब्यूरो (पीआईबी) की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2024 में खाद्य पदार्थों की कीमतों में 0.86% की वृद्धि दर्ज की गई. अक्टूबर 2024 में यह वृद्धि 3.37% तक पहुंच गई. इस वृद्धि का मुख्य कारण प्रतिकूल मौसम की स्थिति और सप्लाई चेन में व्यवधान था, जिससे सब्जियों, दालों और अनाज की कीमतों में बढ़ोतरी हुई.
  • कच्चा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस: सितंबर 2024 में इनकी कीमतों में 1.41% की वृद्धि हुई, जो वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण था.
  • बिजली: अक्टूबर 2024 में बिजली की कीमतों में 1.18% की वृद्धि दर्ज की गई, जो उत्पादन लागत में वृद्धि और ऊर्जा क्षेत्र में मांग के बढ़ने के कारण हुई.
  • निर्मित उत्पाद: अक्टूबर 2024 में निर्मित उत्पादों की कीमतों में 0.49% की वृद्धि हुई. खाद्य उत्पादों, मूल धातुओं, मशीनरी और उपकरणों की कीमतों में वृद्धि देखी गई, जो उत्पादन लागत में वृद्धि और मांग में बदलाव के कारण थी

2024 में इन चीजों की घटीं कीमतें

  • खनिज: सितंबर 2024 में खनिजों की कीमतों में 1.67% की गिरावट दर्ज की गई, जो वैश्विक मांग में कमी और आपूर्ति में वृद्धि के कारण हुई.
  • गैर-खाद्य वस्तुएं: अक्टूबर 2024 में गैर-खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 0.37% की गिरावट हुई, जो उत्पादन में वृद्धि और बाजार में प्रतिस्पर्धा के कारण संभव हुआ.
  • खनिज तेल: अक्टूबर 2024 में खनिज तेलों की कीमतों में 0.84% की गिरावट दर्ज की गई, जो वैश्विक तेल बाजार में आपूर्ति की अधिकता और मांग में कमी के कारण हुई.
  • कोयला: अक्टूबर 2024 में कोयले की कीमतों में 0.07% की मामूली गिरावट हुई, जो ऊर्जा उत्पादन में वैकल्पिक स्रोतों के उपयोग में वृद्धि के कारण संभव हुआ.

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Author: Deepak Mittal

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