भानुप्रतापपुर जनपद पंचायत भ्रष्टाचार के मामले को लेकर सुर्खियों में, स्थानीय अखबार में निविदा प्रकाशित नहीं,, संदेह के घेरे में जनपद पंचायत भानु प्रतापपुर
मामले का खुलासा सूचना का अधिकार पर
सांस्कृतिक गतिविधियों के नाम से खनिज न्यास निधि राशि मे जमकर भ्रष्टाचार
मामला जनपद पंचायत भानुप्रतापपुर का
जनप्रतिनिधी की संरक्षण, अधिकारियो का आशीर्वाद ठेकेदार पर
भानुप्रतापपुर,खनिज न्यास निधि राशि का दुरुपयोग कैसे किया जाना है कांकेर जिला से बेहतर और कोई उदाहरण नही हो सकता। जिले के सभी ब्लाको में खनिज न्यास निधि से करोड़ों राशि में जमकर भ्रष्टाचार किया गया। निम्न क्वालिटी के सामग्रियों कि खरीदी जनप्रतिनिधी के चाहते ठेकेदार द्वारा तीन-तीन गुना अधिक दामो पर किया गया। वही इस कार्य मे भारी भ्रष्टाचार किये जाने के शिकायत करने के बावजूद सम्बंधित के खिलाफ जांच व कार्यवाही नही किया जाना अधिकारियों के भी संलिप्तता से इनकार नही किया जा सकता है।
फोकट के चंदन घस भाई लल्लु की कहावत आपने पहली सुनी होगी उसी कहावत को आज जनप्रतिनिधी एवं अधिकारी मिलकर ठेकेदार के माध्यम से चरितार्थ करने में लगे हुए है। सूचना के अधिकार के तहत निकाले गए दस्तावेज के आधार पर भानुप्रतापपुर जनपद पंचायत के द्वारा खनिज न्यास निधि से 52 पंचायतो में एक- एक लाख रुपए की सांस्कृतिक गतिविधियों के नाम से
टेंट आशियाना प्रति नग 1400, लोहे का खंभा प्रति नग 850,लोहे का आड़ी खंभा
प्रति नग 750, चटाई मेट प्रति नग 1050, पर्दा प्रति नग 1300, पेटी ट्रंक प्रति नग 3900, एवं कुर्सी प्रति नग 480 की दर से सामग्री वितरण की गई जिसके लिए 5 सितम्बर को गुपचुप तरीके से कम प्रसारित एवं जो भानुप्रतापपुर में वितरण नही होता ऐसे दैनिक अखबार में निविदा का प्रकाशन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत भानुप्रतापपुर के द्वारा निविदा का प्रकाशन करवाया गया। बता दे कि हो हल्ला न हो उसके लिए जनप्रतिनिधी, अधिकारी एवं उनके ठेकेदार के द्वारा निविदा का प्रकाशन सिटी एडिशन में कराया गया जो भानुप्रतापपुर में आती नही
है। जनप्रतिनिधी के चाहते ठेकेदार के द्वारा तगड़ी सेटिंग्स व प्लानिंग के तहत गुपचुप तरीके से कार्य को अंजाम दिया गया। भ्रष्टाचार के इस कार्य मे कुछ स्थानीय नेताओं ने भी ठेकेदार का भरपुर साथ दिया है, आखिर क्यों साथ दिया है इसका मतलब बताने की जरूरत नही है आप लोग भलीभांति समझ सकते है।
बता दे कि भानुप्रतापपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत कुल 52 पंचायत है। जिसमे 21 ग्राम पंचायतों मेंअभी तक ठेकेदार के द्वारा सामग्री दिया जा चुका है। विधानसभा चुनाव के चलते आचारसहिता लागू होने के कारण 31 पंचायतो में सामग्रियों का वितरण नही हो पाया था, जिसे ठेकेदार द्वारा पुनः वितरण करने की तैयारी में है।
कुछ सरपंच एवं सचिव ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वितरण की गई सामग्री निम्न क्वालिटी की है। बाजार मूल्य आका जाए तो उक्त सामग्रियों की अधिकतम राशि 25 से 30 हजार की होगी, जिसे प्रति पंचायत एज लाख रुपये की दर से भुगतान किया गया है। वही सुनाई में आ रहा है कि कुछ सरपंचों ने इसका विरोध भी किया तो उन्हें भी प्रलोभन देकर मनाया गया। अगली link में कौन ठेकेदार एवं किन किन पंचायतो में सामग्री वितरण किया गया है, विस्तार पूर्वक विवरण दिया जाएगा।
