डॉ गुलजार सिंह को इतिहास में पीएचडी की उपाधि…

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एकादश दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति की उपस्थिति में मिली उपाधि

निर्मल अग्रवाल ब्यूरो प्रमुख मुंगेली

सरगांव-दृढ़निश्चय और इच्छाशक्ति से कठिन से कठिन राह भी आसान हो जाती है। लक्ष्य को केंद्रित कर पूर्ण न होने तक कि गई मेहनत और प्रयास से निश्चित ही सफलता की कुंजी प्राप्त की जा सकती है। ऐसे ही प्रयास से सफलता अर्जित की है मुंगेली जिले के ग्राम किरना निवासी गुलजार सिंह ठाकुर ने जिन्होंने अपने लग्नशीलता के बल पर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है।


उन्होंने गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर में इतिहास विभाग के शोधार्थी के रूप में छत्तीसगढ़ के सनातन आश्रम सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में योगदान का ऐतिहासिक अनुशीलन विषय पर डॉ घनश्याम दुबे के निर्देशन में अपना शोध पूर्ण किया। गुलजार सिंह ठाकुर ग्राम किरना बैतलपुर जिला मुंगेली के 1282 राजपूत समाज से आते है ।
उनकी माता सरस्वती ठाकुर एक गृहणी है वंही उनके पिता गोपाल सिंह ठाकुर सिंचाई विभाग में पदस्थ रहे है जो फिलहाल रिटायर्ड हो चुके है।

बचपन से ही मेघावी रहे गुलजार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर और जवाहर नवोदय विद्यालय में की। सेंट्रल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में गोल्ड मेडलिस्ट रहे ततपश्चात लगातार अपने 4 वर्षो के रिसर्च बाद पीएचडी पूरा किया वे वर्तमान में पंडित ज्वाला प्रसाद उपाध्याय शासकीय महाविद्यालय पटना कोरिया में प्राध्यापक इतिहास के रूप में पदस्थ है।


गुरुघासीदास विश्वविद्यालय में आयोजित एकादश दीक्षांत समारोह में उन्हें पीएचडी की उपाधि प्रदत्त की गई ।

इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जगदीप धनखड़ उप राष्ट्रपति, विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ , अरूण साव उपमुख्यमंत्री, तोखन साहू केंद्रीय मंत्री, अतुल कोठरी, सुशांत शुक्ला विधायक बेलतरा एवम कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल मौजूद थे।

उनकी इस उपलब्धि पर उनके नगरवासियों ,मित्रों, गुरुजनों,विद्यार्थियों तथा हरिहर क्षेत्र केदार द्वीप मन्दकु समिति आदि ने शुभकामनाएं प्रेषित की है।

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Author: Deepak Mittal

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