जिले में किसान के साथ रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर 12 लाख रुपए की गई धोखाधड़ी 

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जिले में किसान के साथ रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर 12 लाख रुपए की गई धोखाधड़ी 

पीड़ित की नौकरी नहीं लगने के बाद रकम वापस करने के कहने पर आरोपियों के द्वारा पीड़ित से गाली-गलौज और की गई मारपीट

पीड़ित ने मरवाही थाने पहुचकर धोखाधड़ी करने वाले 3 आरोपियों के खिलाफ मामला कराया दर्ज, मामले की जांच में जुटी पुलिस।

उज्जवल तिवारी पेंड्रा

                     

उज्जवल तिवारी, नवभारत टाइम्स 24 x7in पेंड्रा

पेंड्रा(उज्जवल तिवारी पेंड्रा),जिले के मरवाही थानाक्षेत्र के कुम्हारी गाव में रहने वाले किसान के साथ रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर 12 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई है। जिसके बाद ट्रेनिंग के लिए पश्चिम बंगाल के आसनसोल बुलाया गया। पीड़ित की नौकरी नहीं लगने के बाद जब वो रकम वापस करने को कहा तो आरोपियों के द्वारा उसके साथ गाली-गलौज और मारपीट की गई। जिसके बाद पीड़ित मरवाही थाने पहुचकर धोखाधड़ी करने वाले 3 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई है।

दरअसल पूरा मामला जिले के मरवाही थानाक्षेत्र का है। जहा पर मरवाही थानाक्षेत्र के कुम्हारी गाव में रहने वाले पीड़ित पुनीत प्रधान ने मरवाही थाने पहुचकर धोखाधड़ी करने के मामले में आरोपी विधान बैरागी चंद्रा, वर्षा रानी और योगेश रजक के खिलाफ FIR दर्ज कराया है। पीड़ित पुनीत ने बताया कि वह खेती-किसानी का काम करता है। 1 साल पहले बिलासपुर के देवेश वनवासी से जान-पहचान हुई थी।और देवेश वनवासी ने बिलासपुर के वर्षा रानी हॉस्पिटल और साईं नर्सिंग के संचालक आरोपी विधान बैरागी चंद्रा से पहचान कराई थी। आरोपी विधान बैरागी चंद्रा ने पीड़ित पुनीत वनवासी को मेडिकल फील्ड और रेलवे में नौकरी लगाने का काम करना बताया। अपने साले विनय कुमार शर्मा निवासी पामगढ़ का उदाहरण देते हुए झांसे में लिया और रेलवे में नौकरी लगवाने की बात कही। स्पोर्ट्स कोटे से भर्ती का आश्वासन दिया। आरोपियों पीड़ित को विश्वास में लेकर पहला किस्त 3 लाख रुपए कैश आसनसोल वेस्ट बंगाल में दिया गया। रेलवे में नौकरी के नाम से मेडिकल फॉर्म भरवाकर मेडिकल कराया और बताया कि 50 प्रतिशत राशि जमा करना होगा। जिस पर पुनीत ने दूसरा किस्त 2 लाख कैश दिया। वहीं 1 लाख रुपए आरोपी वर्षा रानी के खाते में ट्रांसफर कराया गया।इसके बाद आरोपी विधान बैरागी चंद्रा द्वारा रेलवे में नौकरी का फर्जी नियुक्ति पत्र दिया गया और शासन से स्थायी ट्रेनिंग शुरू करना बताया गया। इसके बाद आरोपी विधान बैरागी ने रेलवे अधिकारियों द्वारा स्थायी ट्रेनिंग को समाप्त करने की बात कहते हुए फिर से 2 लाख रुपए मांग की। इस पर प्रार्थी ने आरोपी वर्षा रानी के एसबीआई खाता में फिर से पचास हजार रुपए कुल 4 बार भुगतान किया।पीड़ित पुनीत को आरोपी विधान बैरागी चन्द्रा ने आसानसोल वेस्ट बंगाल में आकाश और राहुल नाम के व्यक्ति से परिचय करवाया और बताया गया कि यही सर जी ट्रेनिंग देंगे। अप्रैल 2022 में ट्रेनिंग चालू करने के नाम से राशन सामान और कपड़ों के साथ आसनसोल बुलाया गया। जहां पहले से 4-5 लोग थे और उनकी ट्रेनिंग 7-8 महीने से चलने की बात बताई गई। वहीं दूसरे दिन प्रार्थी को ट्रेनर आकाश को एक लाख रुपए फिर से देने को कहा गया तो प्रार्थी ने इसका भी भुगतान किया। आसनसोल से मरवाही आकर सोना-चांदी और जमीन गिरवी रखकर एक लाख रुपए आरोपी विधान वैरागी चंद्रा के दोस्त योगेश रजक को उसके फार्म हाऊस में दिया। इस तरह प्रार्थी से रेलवे में नौकरी लगाने के नाम से कुल 12 लाख रुपए दिया गया।वहीं राशि भुगतान के बाद भी रेलवे में नौकरी नहीं लगने पर प्रार्थी को झांसे में लेकर जालसाजी कर ठगे जाने का एहसास हुआ। इसके बाद प्रार्थी ने अपनी पूरे पैसे मांगे, लेकिन आरोपियों ने अभद्र गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी दी गई। आरोपी विधान बैरागी चन्द्रा और उसकी पत्नी वर्षा रानी ने गाली-गलौज कर मारपीट की इससे वह घायल हो गया था।जिसके बाद पीड़ित मरवाही थाने पहुँचकर सभी धोखाधड़ी करने वालो के खिलाफ अपराध दर्ज कराया है वही मरवाही पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर आरोपी विधान बैरागी चंद्रा, वर्षा रानी और योगेश रजक के खिलाफ FIR दर्ज कराया है और पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।

उज्जवल तिवारी पेंड्रा

 

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