घरघोड़ा,अम्बिका सोनवानी,मो.7223040303
घरघोड़ा में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ईद का त्यौहार
घरघोड़ा – घरघोड़ा के बस स्टैंड रेस्ट हाउस के सामने मुस्लिम जमात घरघोड़ा के ईदगाह में सुबह से ही घरघोड़ा तमनार क्षेत्र के नमाजियों का हुजूम उमड़ पड़ा. तय समय से पहले ईदगाह भर गईं. बच्चों से लेकर बड़ों के चेहरों पर खुशियों की चमक देखने लायक थी. ईद की नमाज़ के समय तक ईदगाह में नमाज़ियों की कतारें लग गईं. लोगों ने ईदगाह में इमाम की तकरीर ध्यान लगा कर सुनी.
सुबह 9.30 से 10 बजे तक तय समय पर ईद-उल-फित्र की नमाज अदा की गई. ईद का ख़ुत्बा पढ़ा व सुना गया. मुल्क में भाईचारगी, एकता, अमनो अमान के साथ ही रोजा, नमाज, जकात, सदके की कुबूलियत की अल्लाह से दुआ की गई. बैतुल मुक़द्दस की आज़ादी, फिलिस्तीन में अमन शांति व जालिमों के ज़ुल्म से निजात की दुआ मांगी गई.
पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बारगाह में दरूदो सलाम का नज़राना पेश किया गया. इसके बाद शुरू हुई ईद मुबारक, ईद मुबारक की सदा. हर ओर यह सदा गूंजने लगी. छोटे से लेकर बड़ों ने लोगों को एक दूसरे को मुबारकबाद देनी शुरू की. लोग एक-दूसरे के घर आते रहे जाते रहे खुशियों का पैग़ाम बांटते रहे.
जामा मस्जिद घरघोड़ा के इमाम मौलाना ने अपनी तकरीर में कहा कि अल्लाह फरमाता है ऐ मेरे बंदों! मांगों! क्या मांगते हो..? मेरी इज्जत व जलाल की कसम! आज के रोज इस नमाज़े ईद के इज्तिमा में अपनी आखिरत के बारे में जो कुछ सवाल करोगे वो पूरा करुंगा और जो कुछ दुनिया के बारे में मांगोगे उसमें तुम्हारी भलाई की तरफ नज़र फरमाऊंगा. मेरी इज्जत की कसम!जब तक तुम मेरा लिहाज रखोगे मैं भी तुम्हारी खताओं पर पर्दा पोशी फरमाता रहूंगा. मेरी इज्जत जलाल की कसम! मैं तुम्हें हद से बढ़ने वाली यानी मुजरिमों के साथ रुसवा न करुंगा. बस अपने घरों की तरफ मग़फिरत याफ्ता लौट जाओ. तुमने मुझे राजी कर दिया और मैं भी तुमसे राजी हो गया. उन्होंने नमाज़, रोजा, हज, जकात सहित तमाम दीनी बातों पर रोशनी डाली. वही कहा कि कहा कि ईद अल्लाह का ईनाम है. इबादतों के जरिए अल्लाह को राजी कीजिए. नमाज बाजमात अदा कीजिए. और कहा कि ईद भाईचारगी का त्योहार है. इसे सबके साथ मनाएं. गरीबों का भी ख्याल रखें, उन्हें अपनी खुशियों में शामिल करें.
बच्चों की ख़ुशी देखते ही बन रही थी. फेसबुक, वाह्टसएप, ट्विटर, इंस्ट्राग्राम पर ईद का ऐलान होने के बाद मुबारकबाद देने का सिलसिला ईद-उल-फित्र के पूरे दिन चलता रहा. खूब सेल्फी ली गयी. बस स्टैंड कारगिल चौकईदगाह पर ईद की वजह से काफी चहल पहल व रौनक रही.
ईद की खुशियों में महिलाएं भी आगे रही. रमज़ान में जिस तरह अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया. घर व बाहर दोनों को संभाला. उसी तरह ईद की खुशियों में चार चांद लगाने में वह दिलो-जान से लगी रहीं. मेहमान नवाजी के लिए सेंवइयां व लजीज व्यंजन बनाया. घरों में शुक्राने की नमाज़ अदा की. शाम को सज-धज कर रिश्तेदारों, पड़ोसियों के यहां ईद की बधाई देने भी गईं.
इसी तरह शहर के कब्रिस्तान पर फातिहा पढ़ने वालों का हुजूम उमड़ पड़ा. सभी ने पूर्वजों को याद कर फातिहा पढ़ मग़फिरत की दुआएं मांगी. ईद-उल-फित्र की नमाज़ से पहले लोगों ने सदका-ए-फित्र अदा किया. लोगों ने ईदगाह के बाहर ग़रीबों में फित्रा व जकात की रकम अदा की.पिछले पचास सालों से नगर के मध्य बस स्टैंड स्थित ईदगाह पर ईद, बक़रीद, ईद मिलाद समेत विभिन्न त्योहार पर मुस्लिम समुदाय का आयोजन होता आ रहा है,,0000
अंबिका,सोनवानी,घरघोड़ा, नवभारत टाइम्स 24 x7in ब्लाक प्रमुख मो.7223040303
*(दीपक मित्तल नवभारत टाइम्स 24X7.in प्रधान संपादक रायपुर)*
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Author: Deepak Mittal
